** कहा, एनपीआर से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है शिक्षण कार्य
नई दिल्ली : दिल्ली के स्कूलों में तैनात शिक्षकों को घर-घर
घूमकर जनसंख्या के आंकड़े जुटाने के कार्य से मुक्ति मिलेगी। दिल्ली के
उच्चाधिकारियों की बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दो टूक कहा कि
राष्ट्रीय जनगणना पंजीकरण (एनपीआर) से कहीं अधिक महत्वपूर्ण स्कूलों में
शिक्षण कार्य है। उपमुख्यमंत्री दिल्ली सरकार के विभागों के मुखिया की बैठक
ले रहे थे। बैठक में पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन, मुख्य सचिव केके
शर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
सिसोदिया ने राजस्व सचिव से कहा कि वह
एनपीआर के लिए स्कूल शिक्षक, स्कूलों के कर्मचारी व तकनीकी प्रशिक्षकों को न
लें। उन्होंने इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने विकल्प के तौर पर आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सहयोग
लेने का सुझाव दिया। सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक दिल्ली
में प्रवेश करते व्यावसायिक वाहनों पर पर्यावरण शुल्क वसूलने को लेकर
तत्काल नोटीफिकेशन जारी करने को कहा। इस मुद्दे पर नगर निगम आयुक्तों को
टोल ऑपरेटरों से सामंजस्य बैठाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने सभी
विभागों, निगमों से तीन साल के आय-व्यय का ब्यौरा मांगा है। 22 अक्टूबर को
कार फ्री डे की तैयारियों का भी उन्होंने जायजा लिया। dj
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