चंडीगढ़ : हरियाणा की पिछली हुड्डा सरकार के कार्यकाल में विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले खुले 15 बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारी स्कूलों (एमपीएचडब्ल्यू-मैन) की विजिलेंस जांच कराई जाएगी। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को इन स्कूलों के लाइसेंस जारी करने में भारी गड़बड़ होने की आशंका है। उन्होंने विजिलेंस जांच की सिफारिश के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र भेज दिया है। राज्य सरकार ने भी विजिलेंस जांच की अनुमति प्रदान कर दी है। इसकी आधिकारिक घोषणा जल्द हो जाएगी। 1 स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने स्कूलों के निरीक्षण के लिए गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर विजिलेंस जांच की सिफारिश की है। विज ने इन स्कूलों का निरीक्षण करने वाली पहली कमेटी की जांच रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए हैं। कमेटी ने स्कूलों को क्लीनचिट दे दी थी। अब जिन स्कूलों की विजिलेंस जांच की सिफारिश की गई है, उनमें भिवानी जिले का सरस्वती विद्या मंदिर, फतेहाबाद का आर्य भट्ट एमपीएचडब्ल्यू ट्रेनिंग स्कूल, फतेहाबाद का हैरिटेज स्कूल ऑफ एमपीएचडब्ल्यू, फरीदाबाद का फलोरिंस एमपीएचडब्ल्यू स्कूल, झज्जर का बीडीएम एमपीएचडब्ल्यू ट्रेनिंग स्कूल, जींद का श्रीबालाजी नसिर्ंग इंस्टीट्यूट, हिसार का जय माता एमपीएचडब्ल्यू ट्रेनिंग स्कूल, हिसार का ही महर्षि दयानंद एमपीएचडब्ल्यू ट्रेनिंग स्कूल, कैथल का युवराज एमपीएचडब्ल्यू ट्रेनिंग स्कूल, कैथल का रामा एमपीएचडब्ल्यू ट्रेनिंग स्कूल, कैथल का ज्योति शिक्षा समिति, कुरुक्षेत्र का डिवाइन एमपीएचडब्ल्यू ट्रेनिंग स्कूल, महेंद्रगढ़ का ऋचा एमपीएचडब्ल्यू ट्रेनिंग स्कूल, रोहतक का सत्या एमपीएचडब्ल्यू ट्रेनिंग स्कूल तथा यमुनानगर का बीडीएस एमपीएचडब्ल्यू स्कूल शामिल हैं। सभी स्कूल वर्ष 2014 में अगस्त- सितंबर महीने के दौरान खोले गए। इन स्कूलों को एक माह में ही एलओपी (लाइसेंस आफ परमिशन) दे दिए गए। इन स्कूलों में न तो सुविधाएं हैं और न ही ढांचा। dj
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