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Tuesday, 27 October 2015

वेतन के लाले, कैसे मनेगी दीपावली

** सरकार दे रही बार-बार कोरे आश्वासन 
** प्रदेश स्तरीय बैठक कर की जाएगी बड़े आंदोलन की घोषणा
रोहतक : दीपावली का त्योहार जहां लोगों के लिए खुशियां लेकर आता है, वहीं सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में लगे नवनियुक्त प्राध्यापकों का यह त्योहार फीका जाता नजर आ रहा है। पिछले छह माह से नवनियुक्त प्राध्यापकों को वेतन नहीं मिला है, जिसके कारण प्राध्यापकों में रोष है। अगर सरकार जल्द ही प्राध्यापकों का वेतन जारी नहीं करती तो वह बड़े आंदोलन के रूप में सड़कों पर उतरने के लिए विवश हो जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी स्वयं सरकार की होगी। 
प्रदेश सरकार ने सालभर में लगे स्कूल प्राध्यापकों का वेतन सामान्य योजना से हटाकर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान या आरएमएसए में कर दिया था। नवनियुक्त प्राध्यापकों को रमसा में डालने के बाद से उनका वेतन कभी भी समय पर नहीं मिला। कभी दो माह तो कभी तीन माह का वेतन एक साथ मिलता है। इस बार तो सरकार ने हद ही कर दी। पिछले छह माह से सरकार नवनियुक्त प्राध्यापकों को वेतनमान नहीं दे रही है। प्राध्यापक स्कूलों में बिना वेतनमान के ही पढ़ा रहे है। त्यौहार का सीजन होने के बावजूद सरकार वेतनमान अलाट नहीं कर रही है। ऐसे में प्राध्यापकों के त्यौहार भी फीके पड़े हुए है और डर है कि दीपावली भी फीकी न चली जाए। ऐसे में प्राध्यापकों के अंदर सरकार के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप जल्द ही बड़ा आंदोलन देखने को मिल सकता है। 
कर्ज में डूब रहे हैं प्राध्यापक : 
प्रदेश भर के 7223 प्राध्यापकों को पिछले छह माह से वेतनमान नहीं मिला है, जिसके कारण वह कर्ज में डूबते जा रहे हैं।
"नवनियुक्त प्राध्यापक प्रदेश सरकार की गलत रणनीति का खामियाजा भुगत रहे हैं। नवनियुक्त प्राध्यापकों को रमसा में डालना ही गलत था। उन्हें भी पुराने प्राध्यापकों की तरह सामान्य योजना के तहत वेतनमान मिलना चाहिए। छह माह से वेतन न मिलने के कारण प्राध्यापक कर्ज में डूबते जा रहे हैं और उनकी माली हालत भी काफी खराब हो गई है। आर्थिक संकट पैदा होने के कारण वह बच्चों के स्कूल की फीस भी उधार लेकर भर रहे हैं। ऐसे में प्राध्यापकों के सामने आंदोलन के सिवाय कोई चारा नहीं है।"-- बलजीत सहारण, हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन के जिला प्रधान।
"प्रदेश सरकार महज कोरे आश्वासन दे रही है। पिछले दिनों सरकार के प्रतिनिधि ने आश्वासन दिया था कि 47 करोड़ रुपया अलाट कर दिया है एक सप्ताह में वेतन मिल जाएगा। उन बातों को एक माह गुजर गया है लेकिन अभी तक उनके पास लिखित में कोई लेटर नहीं आया। सरकार प्राध्यापकों को महज आश्वासनों से बहला रही है, जबकि हकीकत में सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ मंगलवार को करनाल में प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया है, जिसमें सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की रणनीति बनाकर घोषणा कर दी जाएगी, क्योंकि प्राध्यापकों के पास इसके अलावा कोई चारा नहीं है।"-- दयानंद दलाल, हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष।                                                                                      dj

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