** हरियाणा मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की
चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को
दूर करने के लिए गठित आयोग ने अपने काम को आगे बढ़ाते हुए बुधवार को
हरियाणा मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। यह
एसोसिएशन सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित है। संघ भी पिछले दिनों इसी सिलसिले
में आयोग के सामने अपनी मांगे पेश कर चुका है। आयोग के चेयरमैन जी माधवन
ने जल्द ही अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने का संकेत दिया है।
मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन के राज्य प्रधान महेंद्र प्रताप गुलिया के
अनुसार बैठक में कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान तथा भत्ते दिए जाने
की मांगें प्रमुखता से रखी गई। जिसे सुनने के बाद वेतन विसंगति आयोग ने कहा
कि पंजाब के समान वेतनमान पर मंत्रिमंडल पहले ही फैसला ले चुका है। आयोग
को इस पर समीक्षा के लिए कहा गया है। एसोसिएशन के राज्य महासचिव सतीश सेठी
के अनुसार पिछली सरकार की कैबिनेट में लिए गए फैसले के मुताबिक पंजाब के
समान वेतनमान 1 नवंबर 2014 से लागू हो जाने चाहिए थे परंतु भाजपा सरकार के
समीक्षा के फैसले से विलंब हो रहा है।
अपने पक्ष में ये रखे उदाहरण
एसो. ने
हरियाणा व पंजाब में मिनिस्ट्रीयल स्टाफ की शैक्षणिक योग्यता, नियुक्ति के
बाद की शर्ते, पदोन्नति के अवसर, काम का बोझ तथा अन्य सेवा शर्तो के साथ
तुलनात्मक रिपोर्ट प्रमाण सहित आयोग के सामने रखी। सेठी के मुताबिक दोनों
राज्यों में सेवा शर्ते व सेवा नियमावली एक समान होते हुए भी हरियाणा में
सीधी भर्ती के क्लर्क को अपनी नियुक्ति के तीन साल के अंदर कंप्यूटर में
राज्य पात्रता परीक्षा पास करनी होती है। पास न करने की सूरत में सीधी
भर्ती के क्लर्क की जहां नौकरी समाप्त कर दी जाती है, वहीं चतुर्थ श्रेणी
कर्मचारी को क्लर्क के पद से रिवर्ट कर दिया जाता है। ऐसे कठोर नियम न तो
पंजाब में मिनिस्ट्रीयल स्टाफ पर लागू हैं और न ही हरियाणा में किसी अन्य
कैटेगरी के कर्मचारी पर लागू होते है।
और इंतजार नहीं कर सकते
कर्मचारी
कर्मचारी नेताओं ने आयोग से कह दिया कि पहले ही फैसले को लागू
करने में एक साल की देरी हो चुकी है। इसलिए इस भेदभाव को और ज्यादा समय तक
बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। राज्य कार्यकारिणी की बैठक में बैठक 1
नवबंर को रोहतक में होगी और इसमें संघर्ष के लिए अगली रणनीति तैयार
होगी।
बातचीत में ये नेता हुए शामिल :
वेतन विसंगति आयोग के चेयरमैन जी
माधवन के साथ हुई बैठक में एसोसिएशन के नेता शिक्षा विभाग से कमलजीत सिहं
बखतुआ, पीडब्ल्यूडी से सुखदेव सिंह व ओम प्रकाश सिहंमार, कृषि विभाग से
सतबीर शर्मा, सिंचाई विभाग से रतन जिंदल, बहुतकनीकी से शीतल दास,
जनस्वास्थय विभाग से जगत सिंह रेढू, मंडी बोर्ड से रमेश लौरा, आइटीआइ से
वीरेंद्र डांगी, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से मान सिंह, एमडीयू रोहतक से
सूरज भान व नरेंद्र कुमार और पीजीआइ रोहतक से सुरेंद्र हुड्डा आदि थे।
क्लर्क को पंजाब के मुकाबले मिलते हैं 15 हजार रुपये कम
गुलिया के
अनुसार हरियाणा में क्लर्क को पंजाब के क्लर्क से 15 हजार रुपये हर महीने
वेतन कम मिलता है। दोनों प्रदेशों में सेवा शर्ते एक समान होते हुए भी
पंजाब के क्लर्क को 4 साल की नौकरी के बाद 3600 रुपये ग्रेड पे मिलती है
जबकि हरियाणा में 3600 रुपये ग्रेड पे 24 साल की नौकरी करने के बाद जाकर
मिलती है। इसके साथ ही पंजाब में कैश एलाउंस, मोबाइल एलाउंस, स्पेशल
कार्यालय एलाउंस तथा कन्वींस एलाउंस के रूप में एक क्लर्क को कम से कम एक
हजार रुपये हर मास मिलते है जबकि हरियाणा में एक पैसा नहीं मिलता। dj
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