चंडीगढ़ : हरियाणा के निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को आरक्षण के मसले
पर फिर विवाद की स्थिति बन गई है। प्रदेश सरकार जहां 25 फीसद सीटों पर गरीब
बच्चों के मुफ्त दाखिलों का दावा कर रही है, वहीं शिक्षा विभाग के अफसर
मात्र दस फीसद सीटों पर ही आरक्षण का दावा कर रहे हैं। इससे अभिभावक दुविधा
की स्थिति में हैं।
हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमों की धारा 134-ए के तहत
निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिले देने का
प्रावधान है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दो लाख रुपये तक की आय वाले
व्यक्तियों को गरीब की श्रेणी में माना है। पिछली कांग्रेस सरकार ने निजी
स्कूलों में 25 प्रतिशत की बजाय आरक्षण घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया था, जिसके
बाद दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन ने हाईकोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी।
हाईकोर्ट में जंग जीतने के बाद प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों में गरीबों
का आरक्षण 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का ऐलान कर दिया है। दो
जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक सत्यवीर हुड्डा पिछले दिनों शिष्टमंडल
के साथ जब शिक्षा मंत्री का आभार जताने पहुंचे तो उन्होंने अपने वादे को
पूरा करने की बात दोहराई। इसके विपरीत हाल ही में शिक्षा विभाग के उच्च
अधिकारियों के साथ हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ की बैठक में 25 प्रतिशत
आरक्षण का प्रावधान मात्र पहली क्लास में ही होने की जानकारी दी गई, जबकि
बाकी कक्षाओं के लिए गरीब बच्चों के मुफ्त दाखिले का प्रावधान मात्र 10
प्रतिशत सीटों पर होने का दावा किया गया है। सत्यवीर सिंह हुड्डा ने सरकार
और शिक्षा विभाग के अलग-अलग बयानों पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि
शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के ओएसडी को आभार पत्र भी दिया जा चुका। इसके
बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी गफलत की स्थिति पैदा करने में लगे हुए
हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री को एक बार फिर से स्थिति साफ करनी
चाहिए। 1
निजी स्कूल हुए दोफाड़
निजी स्कूल दो फाड़ हो
गए हैं। हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ का नेतृत्व सत्यवान कुंडू कर रहे, जबकि
प्राइवेट स्कूल फेडरेशन आफ हरियाणा का नेतृत्व कुलभूषण शर्मा द्वारा किया
जा रहा है। कुंडू के नेतृत्व वाले संगठन की एक मुलाकात शिक्षा विभाग के
उच्च अधिकारियों से हो चुकी है, जबकि शर्मा का कहना है कि प्रदेश सरकार ने
अभी तक हमें बातचीत के लिए नहीं बुलाया है। उन्होंने कहा कि गरीब बच्चों को
हम निजी स्कूलों में दाखिले देने के विरुद्ध नहीं हैं लेकिन इसके लिए
केंद्र से हासिल होने वाले अनुदान की कुछ राशि निजी स्कूलों को भी दी जानी
चाहिए। भले ही यह सीधे बच्चों को उपलब्ध कराई जाए। सरकार ने कुंडू के
नेतृत्व वाले संगठन को बातचीत के लिए बुलाकर काफी मुद्दों पर उनसे हामी
भरवा ली है। dj
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