चंडीगढ़ : हरियाणा के शिक्षा विभाग ने दसवीं और बारहवीं के खराब नतीजों की तह में जाकर सुधार की कवायद तेज कर दी है। गर्मियों के अवकाश में बच्चों की स्पेशल कोचिंग कक्षाएं लगाने के फैसले पर किरकिरी होने के बाद शिक्षा विभाग अब शिक्षकों व बच्चों दोनों को ट्रेंड करने की रणनीति पर काम कर रहा है। शिक्षा निदेशालय ने 10वीं व 12वीं में 50 प्रतिशत से कम रिजल्ट वाले सभी शिक्षकों (पीजीटी) की सूची तलब की है। शिक्षा विभाग उनके लिए विशेष ट्रेनिंग का इंतजाम कर सकता है। दसवीं में इस बार ओवरआल 41.28 प्रतिशत और 12वीं में 53.96 प्रतिशत रिजल्ट रहा है। जिला स्तर पर यह रिजल्ट 30 प्रतिशत तक भी चला गया है। इसके अलावा खंड शिक्षा अधिकारियों से कक्षा 9 से 12 तथा खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों से कक्षा 1 से 8 तक संपूर्ण रिजल्ट का ब्यौरा तलब किया गया है। शिक्षा निदेशालय ने राज्य में कंप्यूटर शिक्षकों व लैब सहायकों के खाली पदों के बारे में भी जानकारी मांगी है। इसके अलावा स्कूलों में किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट तलब की । हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमों की धारा 134-ए के तहत इस बार कितने गरीब बच्चों ने दाखिलों के लिए आवेदन किए थे और निजी स्कूलों ने कितने बच्चों को यह दाखिले दिए, इस बारे में भी पूरी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। निदेशालय के निर्देशों के बाद जिला शिक्षा अधिकारी अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में रिपोर्ट इकट्ठा करने में जुट गए, जिन्हें मुख्यालय भेजी जाएगी
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