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Wednesday, 28 October 2015

शिक्षा के लिए आइएएस की तरह अलग कैडर का प्रस्ताव

नई दिल्ली : आने वाले समय में देश में शिक्षा व्यवस्था को संभालने के लिए अलग से कैडर बनाया जा सकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे में इसका प्रस्ताव किया गया है। इसी तरह प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ही दिए जाने और उच्च शिक्षा में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने का प्रस्ताव भी इसमें प्रमुखता से शामिल किया जा रहा है। 
मानव संसाधन विकास मंत्रलय के सूत्रों के मुताबिक नई शिक्षा नीति के लिए बड़े स्तर पर सुझाव मिल रहे हैं। शीर्ष विशेषज्ञों से लेकर देशभर के लाखों गांवों से इसके लिए सुझाव मिल रहे हैं। इनको अब व्यवस्थित मसौदे का रूप दिया जा रहा है। इसमें शिक्षा क्षेत्र के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर अलग से कैडर तैयार करने पर जोर दिया गया है। शिक्षा क्षेत्र की जरूरतों को देखते हुए इसे जरूरी माना गया है। इसी तरह शिक्षा नीति में प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ही उपलब्ध करवाने पर भी जोर दिया जा रहा है। 
यह मांग कई शैक्षिक संगठन लंबे समय से कर रहे हैं। इसी तरह जो प्रस्ताव अब तक मिले हैं, उनके आधार पर यह भी तय किया गया है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सिर्फ सरकारी संसाधनों के भरोसे नहीं रहा जा सकता। नई नीति स्कूली शिक्षा में नैतिकता को बढ़ावा देने पर भी जोर देगी। केंद्र में भाजपा सरकार गठन के बाद से कई संगठनों ने स्कूली पाठ्यक्रम में इस संबंध में बदलाव की मांग की है। उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रबंधन के लिए अलग से एक आयोग के गठन को लेकर भी इसमें कई सुझाव मिले हैं। इसे स्वायत्त संगठन के तौर पर विकसित किया जा सकता है, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) जैसे संगठनों की जगह ले सके।                                                                                        dj

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