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Monday, 23 November 2015

पेपर लीक मामले में शिक्षा विभाग एवं बोर्ड की ओर से अभी नहीं कोई भी जांच

** डीईओ ने कहा मेरे पास आई सभी रिपोर्ट ठीक, कैसे लीक हुआ पता नहीं 
सोनीपत : एचटेट का पेपर सुबह ट्रेजरी से पेपर निकालने से लेकर शाम को पेपर होने के बाद उसे सकुशल बोर्ड के पास भिजवाने में शिक्षा विभाग एवं हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों की महत्ती जिम्मेदारी थी, लेकिन परीक्षा पूर्व निष्पक्ष एवं नकल रहित परीक्षा का दावा करने वाली इन दोनोंं सरकारी एजेंसी की स्थिति यह है कि परीक्षा की पवित्रता भंग होने पर अब दोनोंं ही खामोश हैं। दोनो ही एजेंसी इस मामले को पुलिस जांच का विषय बताकर पीछे हट रही हैं। दोनों अपने स्तर पर भी जांच कर सकते हैं, लेकिन किसी भी ओर से अब तक कोई निर्णय नहीं। जिस कारण पात्रता परीक्षा के लेवल तीन पेपर लीक मामले में विभागीय कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हो सका है
तीन रिपोर्ट आई जो सही थी 
सुबह ट्रेजरी से पेपर निकालने से लेकर परीक्षा केंद्र इंडियन माडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पेपर बांटने की उनके पास तीन रिपोर्ट आईं, जो सभी ओके थीं। डीईओ परमेश्वरी हुड्डा ने कहा कि रिपोर्ट ओके थी, अगर वहां छेड़छाड़ की बात होती तो एसआईटी से पहले हम ही कार्रवाई करते, लेकिन ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि जब रिपोर्ट सही थी तो पेपर आउट कैसे हुअा?
खामोशी एक नहीं अनेक सवालों पर 
अधिकारियों की खामोशी एक नहीं उन अनेक सवालों पर है जिनका जवाब आज हर कोई जानना चाहता है। जिसमें क्या ट्रेजरी से पेपर लेने से लेकर पेपर बांटने की वीडियोग्राफी करवाई गई, अगर की गई तो उसकी रिपोर्ट क्या थी। एसआईटी की जांच में यह बात सामने आई है कि पेपर इंडियन माडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल से लीक हुआ। तो क्या वहां धारा 144 लागू होने के बाद भी फोटो स्टेट मशीन चालू थी। अथवा प्रतिबंध के बावजूद मोबाइल फोन उपयोग में लाए जा रहे थे। शिक्षा विभाग का दावा है कि परीक्षा केंद्र में शिक्षा विभाग के साथ शिक्षा बोर्ड एवं प्रशासनिक अधिकारी भी निगरानी के लिए मौजूद थे। ऐसे में जब पेपर कॉपी हुआ तो वे सब कहां थे?
पेपर आउट के बाद सुभाष चौक पहुंचा था 
गूगल समुंदर की कोई गहराई नहीं है। ऐसे में एचटेट लेवल थ्री का पेपर सोनीपत के इंडियन मॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल से आउट होने के बाद किस-किस के पास गया उन्हें पकड़ना पुलिस के लिए आसान नहीं होगा। हालांकि सुभाष चौक पर खुलासा होने के बाद कंप्यूटर सेंटर संचालकों दलालों में हड़कंप है। एक दलाल का दावा है कि पवन ने ही यह पेपर सैकड़ों को बांटा है। पेपर तुरंत आउट होने पर जहां इसका सौदा दो से डेढ़ लाख में हुआ। मामले पर एसपी अभिषेक गर्ग ने कहा यह पूरी चेन है, यह कितनी लंबी है इसका कोई अंदाजा नहीं है
स्कूल पर कार्रवाई तय 
परीक्षा की पवित्रता भंग हाेने के मामले में अभी जांच चल रही है, लेकिन विभागीय अधिकारियों का कहना है कि स्कूल पर कार्रवाई होनी तय है। कार्रवाई के प्रथम चरण में भविष्य में यहां परीक्षा केंद्र नहीं बनाने से लेकर बड़ी कार्रवाई के रूप में मान्यता रद्द करना भी शामिल है। फैसला उच्च निदेशालय स्तर पर होना है, लेकिन पेपर लीक की इस शर्मनाक घटना के चलते स्थानीय स्तर पर भी अधिकारी इसकी अनुशंसा कर सकते हैं। हालांकि कोई भी कार्रवाई जांच पूरी होने के बाद ही अमल में लाई जा सकेगी। यहां बता दें कि परीक्षा में ड्यूटी लगाने के समय डीईओ की ओर से आगाह किया गया था कि इसमें निजी स्कूलों के स्टाफ की ड्यूटी नहीं लगाया जाए।
"पुलिस अपना काम कर रही है। बोर्ड को पुलिस की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। बोर्ड की ओर कोई भी कार्रवाई तभी अमल में लाई जाएगी जब हमें जांच रिपोर्ट मिलेगी। उससे पहले कुछ भी कहना सही नहीं होगा।''-- मीनाक्षीशारदा, प्रवक्ता हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी।
"कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बावजूद पेपर लीक होना शर्मनाक है। यहां अकेले शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी नहीं थी,अब फैसला सरकार को करना है। दोषियों को कड़ी सजा अवश्य मिलनी चाहिए।''-- परमेश्वरीहुड्डा, डीईओसोनीपत।                                                                 db

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