रोहतक : हरियाणा एजुकेशन मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिऐशन ने सरकार से मांग की है कि सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की रिपोर्ट से पहले मिनिस्ट्रीयल स्टाफ व पुलिस विभाग के कर्मचारियों पर पंजाब के समान वेतन व भत्ते लागू हों,अन्यथा ये कर्मचारी इस अन्याय को अब और ज्यादा बर्दास्त नहीं करेगा। हरियाणा प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से देश भर में चौथे स्थान पर और वेतनमान देने मामले में चौदहवें स्थान पर है। एसोसिऐशन के राज्य प्रधान संदीप सांगवान, उपप्रधान शर्मिला, उपमहासचिव हितेन्द्र सिहाग ने बैठक के बाद बताया कि भाजपा सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में 1 नवम्बर 2014 से पंजाब के समान वेतनमान देने का संकल्प किया था। गत सरकार ने भी मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पास कर मोहर लगा दी फिर अब लागू करने में प्रदेश सरकार आनाकानी क्यों कर रही है। इसके साथ ही हरियाणा प्रदेश का लिपिक व पुलिस विभाग का कर्मचारी पंजाब की तुलना में आधा वेतन लेकर दिन रात जनहित में कार्य करने पर मजबूर हैं हरियाणा सरकार कर्मचारी की कितनी हितैष है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मंत्री व विधायक तो पंजाब से महगे और कर्मचारी पंजाब के कर्मचारी से आधा वेतन ले रहे है। पंजाब के मुख्यमंत्री का वेतन 90 हजार, विधानसभा अध्यक्ष का वेतन 70 हजार, मंत्रियों का वेतन 69 हजार तथा विधायकों का वेतन 50 हजार रू. मासिक है। इसकी तुलना में हरियाणा के मुख्यमंत्री 1 लाख 40 हजार, विधानसभा अध्यक्ष 1 लाख 35 हजार, मंत्रियों 1 लाख 35 हजार तथा विधायक 95 हजार मासिक वेतन लेकर जनहितैषी बने हुए हैं। dt
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