चंडीगढ़ : अपना कामकाज छोड़कर ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए सेक्रेटेरिएट, मंत्रियों और विधायकों की कोठियों पर चक्कर लगाने वाले कर्मचारियों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सख्त रवैया अपनाया है। उन्होंने अपने महकमे के कर्मचारियों को साफ तौर पर हिदायत दी है कि अगर अब किसी ने उन्हें ट्रांसफर के लिए अर्जी दी, तो उसे सस्पेंड कर दिया जाएगा।
विज ने कहा कि ट्रांसफर करते हुए एक साल से ज्यादा समय हो गया, लेकिन कर्मचारियों का यह काम खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अगर वे पूरे साल ट्रांसफर-पोस्टिंग ही करते रहे तो डिपार्टमेंट का काम कब करेंगे। कर्मचारी, डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ ट्रांसफरों के लिए यहां चक्कर लगाते हैं, तो अस्पतालों में स्टाफ की कमी हो जाती है। रोगियों को काफी परेशानी हाेती है।
बहुत सारे लोग वापस ले गए अर्जियां
दरअसलविज को गुस्सा इसलिए आया क्योंकि अम्बाला स्थित उनकी कोठी पर और सेक्रेटेरिएट में भी रोजाना 150 से 200 अर्जियां रही थीं। शुक्रवार को भी अम्बाला में लगभग इतने ही लोग इसी काम के लिए आए हुए थे। जैसे ही उन्होंने ट्रांसफर के लिए भागदौड़ करने वाले कर्मचारियों को सस्पेंड करने के आदेश दिए तो उसी समय अधिकांश लोग अपनी अर्जियां वापस लेकर लौट गए। इसके बाद एक रोचक वाकया सेक्रेटेरिएट में उस समय पेश आया जब विज मीडिया कर्मियों को इस बारे में जानकारी देकर ही हटे थे, कि एक व्यक्ति फिर ट्रांसफर की एप्लीकेशन लेकर गया। विज ने उसे कहा कि अभी तो उन्होंने ऐसे मामलों में सस्पेंड करने की बात कही है। इस पर उस व्यक्ति ने कहा कि मेरे सामने आपने ऐसी कोई बात नहीं कही। लेकिन बाद में वह अपनी अर्जी वापस लेकर चला गया।
....तोक्या फिर तबादले ही नहीं होंगे:
जब भी ट्रांसफरों पर लगा बैन हटेगा तब नियमानुसार ट्रांसफर होंगे। विज के अनुसार इसके लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार करवाया है। तय प्रक्रिया और सीनियॉरिटी के आधार पर ट्रांसफर किए जाएंगे।
बाकीमंत्रियों का क्या:
सेक्रेटेरिएट में अधिकांश मंत्रियों ने अपने कक्षों के बाहर ही लिखकर लगाया हुआ है 'ट्रांसफरों पर पूरी तरह रोक है।' इसके बावजूद सेक्रेटेरिएट में रोजाना काफी लोग ट्रांसफर करवाने के उद्देश्य से आते हैं। db
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