भिवानी : सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले अध्यापकों को ये तक नहीं पता है कि उनका स्कूल में पहुंचने का समय क्या है, इसलिए मंगलवार को उन अध्यापकों को शिक्षा विभाग की डिप्टी डायरेक्टर डॉ. परमजीत शर्मा से अच्छी खासी डांट सुनने को मिली है जो 7:45 के बाद स्कूल में पहुंचे। इतना ही नहीं डॉ. शर्मा ने हाजरी के रजिस्टर को भी अपने काबू में कर लिया ताकि लेट आने वाले अध्यापक गुप चुप तरीके से हाजरी लगा सकें। शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार अध्यापकों को स्कूलों में 7:45 तक पहुंचाना होता है, लेकिन कई अध्यापक ऐसे हैं जो स्कूल में आठ बजे तक पहुंचते हैं, जबकि यह समय विद्यार्थियों के लिए निर्धारित किया गया है।
मंगलवार को शिक्षा विभाग की डिप्टी डायरेक्टर डॉ. परमजीत शर्मा बिना किसी सूचना के शहर के सरकारी स्कूलों में पहुंच गई। सबसे पहले वो शहर के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पहुंची और सबसे पहले उन्होंने अध्यापकों के हाजरी रजिस्टर और बच्चों के रिकार्ड के रजिस्टर को चेक किया जो सही मिला। इसके बाद डिप्टी डायरेक्टर सेठ किरोड़ीमल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पहुंच गई और उन्होंने जब देखा तो 50 प्रतिशत से भी ज्यादा स्टॉफ सदस्य स्कूल में नहीं पधारे थे। जिस पर उन्होंने सबसे पहले हाजरी रजिस्टर को अपने कब्जे में ले लिया और लेट आने वाले सभी अध्यापकों को बैठा उन्हें चेतावनी देकर छोड़ा गया कि अगर भविष्य में वो लेट हुए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इतना ही नहीं स्कूल के गणित विषय के अध्यापक पदम का कहना है कि उन्हें तो स्कूल पहुंचने का समय आठ बजे का पता है तो ऐसे में डिप्टी डायरेक्टर का डांट मारना सही नहीं था। इस बारे में स्कूल के प्राचार्य शिव कुमार ने बताया कि अभी तो वह आउट ऑफ स्टेशन गए हुए हैं लेकिन विभाग के नोटिफिकेशन के हिसाब से अध्यापकों को पौने आठ बजे तक स्कूल में पहुंचना होता है तो ऐसे में या तो प्राचार्य ने अध्यापकों को समय नहीं बता रखा या फिर अध्यापक सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनने का प्रयास कर रहे हैं। डिप्टी डायरेक्टर ने विद्यार्थियों के बौद्धिकता को जांचा। इसके बाद डॉ. शर्मा काेंट गांव के राजकीय उच्च विद्यालय में पहुंची। अध्यापकों के बारे में पूछने पर डिप्टी डायरेक्टर ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। db
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