** बच्चों के दाखिले के समय अभिभावकों का साक्षात्कार नहीं ले सकेंगे स्कूल
नई दिल्ली : उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा शुक्रवार को विधानसभा में
पेश किया गया दिल्ली विद्यालय शिक्षा (संशोधन) विधेयक 2015 बहुमत से पास कर
दिया गया। विधेयक पेश करते हुए सिसोदिया ने कहा कि निजी स्कूल दाखिले के
समय मनमानी करते हैं।
इस विधेयक में कक्षा आठ तक दाखिले को शिक्षा के
अधिकार के तहत लाने का प्रस्ताव किया गया है। यदि स्कूल बच्चे को नर्सरी
में या कक्षा एक या पांच से दाखिला देता है तो यह शिक्षा के अधिकार के
दायरे में होगा। यह सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने की तिथि से लागू होगा।
यही नहीं, यदि कोई स्कूल कैपिटेशन फीस वसूलता है तो उससे उसका दस गुना
पैसा वसूला जाएगा या पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि वही
स्कूल दूसरी बार कैपिटेशन फीस वसूलने में पकड़ा जाता है तो उससे 10 गुना
जुर्माना वसूला जाएगा। स्कूल अभिभावकों का साक्षात्कार भी नहीं लेंगे।
उन्होंने कहा कि 60-70 फीसद निजी स्कूलों में शिक्षकों के साथ अन्याय हो
रहा है। कई शिक्षकों को चार से पांच हजार रुपये वेतन दिया जाता है। कई
शिक्षकों से खाली चेक पर साइन करवा लिया जाता है। राजधानी में 1800 निजी
स्कूल हैं। जिसमें कई स्कूलों की फीस 10 हजार रुपये है, लेकिन 500-600
स्कूल ऐसे हैं जहां पर एक हजार रुपये फीस ली जाती है। इस प्रस्ताव का विरोध
करते हुए नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता सहित अन्य भाजपा विधायक विधानसभा
से बाहर चले गए। विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि बिना उपराज्यपाल और केंद्र
सरकार की अनुमति के इस बिल को विधानसभा में लाना गलत है। dj
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