कोटा : देश की सबसे बड़ी परीक्षा जेईई मेन्स में अब बेटियों की संख्या बढ़ने लगी है। संख्या और परिणाम के लिहाज से अब तक इंजीनियरिंग की परीक्षा में लड़कों का ही दबदबा माना जाता था। पिछले पांच सालों में यह ट्रेंड बदलने लगा है। एनरोलमेंट और परिणाम के लिहाज से लड़कियों की हिस्सेदारी 4.8 फीसदी बढ़ी है।
जेईई अपेक्स बोर्ड (जैब) ने पहली बार जेईई मेन्स के तुलनात्मक आंकड़े जारी किए हैं। इस रिपोर्ट में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के एनरोलमेंट और परफॉरमेंस को बताया गया है। रिपोर्ट जेईई सिस्टम को बेहतर करने को तैयार की गई थी। सामने आया है कि 2011 से लेकर 2015 तक हुई जेईई मेन्स/एआईईईई टॉप एक लाख छात्रों में लड़कियों का प्रतिशत 4.83 बढ़ा है। जेईई मेन्स सिस्टम साल 2012 से लागू हुआ था। इससे पहले एनआईटी सिस्टम के लिए एआईईईई हुआ करता था। db
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