सिरसा : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों ने मासिक मूल्यांकन परीक्षा
के लिए न तो विद्यार्थियों को उत्तरपुस्तिका मुहैया कराई और न ही प्रश्न
पत्र छपवाए। कक्षा के ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न पत्र लिखकर एवं विद्यार्थियों
से उत्तरपुस्तिका मंगवाकर परीक्षा ले ली। शिक्षा विभाग द्वारा जारी मासिक
मूल्यांकन परीक्षा के बजट को स्कूलों द्वारा खजाना कार्यालय से ही नहीं
निकलवाया गया।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने इसका कड़ा संज्ञान लेते
हुए तमाम जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा है। पत्र में डीईओ को सभी
उच्च एवं वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के प्रमुखों की बैठक बुलाकर उन्हें
उक्त बजट को शीघ्र से शीघ्र संबंधित खजाना कार्यालय से निकलवाकर विद्यालय
स्तर पर खर्च करने के आदेश दिए हैं। पत्र क्रमांक 19/62-2015 एसई के अनुसार
27 अगस्त 2015 को सूबे के तमाम स्कूलों को विद्यालय स्तर पर मासिक
मूल्यांकन परीक्षा के संचालन के लिए कक्षा 9 एवं 11 हेतु 130 रुपये छात्र
की दर से राशि आवंटित की गई थी। मगर दो माह बाद भी स्कूलों द्वारा यह राशि
नहीं निकलवाई गई है। शिक्षकों द्वारा महज परीक्षा को खानापूर्ति मानकर
ब्लैक बोर्ड पर ही प्रश्न पत्र लिखवाए गए हैं। इन्हें देखकर ही घर से
उत्तरपुस्तिका लाने वाले विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। माध्यमिक शिक्षा
विभाग के सहायक निदेशक नंदकिशोर वर्मा का कहना है कि बजट राशि न निकालने
संबंधी पत्र डीईओ को भेजा गया है। उन्हें उक्त राशि जल्द से जल्द स्कूल
मुखियाओं द्वारा विद्यालय स्तर पर खर्च करने के आदेश दिए गए हैं।
जिला
मौलिक शिक्षा अधिकारी सुरेश शर्मा का कहना है कि निदेशक द्वारा आया हुआ
पत्र मिल चुका है। स्कूल प्रमुखों की बैठक बुलाई जाएगी और निर्देश दिए
जाएंगे। dj
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