नई दिल्ली : एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स के लिए एकल मेडिकल
प्रवेश परीक्षा नीट (नेशनल इलिजिबिल्टी इनट्रेंस टेस्ट) का पहला चरण रविवार
को ही होगा। अपने पूर्ववर्ती आदेश में बदलाव के लिए तत्काल सुनवाई से
सुप्रीम कोर्ट के इन्कार के बाद 6.5 लाख परीक्षार्थी दो चरणों में (एक मई
और 24 जुलाई को) साझा परीक्षा में बैठेंगे।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस
ठाकुर के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने शनिवार को दिल्ली में प्रदूषण दूर करने
संबंधी मामले में सुनवाई की। लेकिन 28 अप्रैल को नीट के संबंध में दिए
फैसले को बदलने की तत्काल सुनवाई की अपील को खारिज कर दिया। जस्टिस एके
सिकरी और आर भानुमती ने भी कहा कि फिलहाल यह मसला हल हो चुका है। दरअसल,
कुछ छात्रों के प्रतिनिधि वकीलों ने नीट पर दिए आदेश में बदलाव की जरूरत
बताते हुए अपील की थी कि जिन छात्रों ने स्टेट लेवल की प्रवेश परीक्षा के
लिए तैयारी की है उन्हें, इतने कम समय में नीट के लिए तैयारी करने में
परेशानी होगी। शुक्रवार को केंद्र ने भी 28 अप्रैल के फैसले में बदलाव के
लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उसने दलील दी थी कि चूंकि
आनन-फानन में इसकी व्यवस्था को लेकर असमंजस की स्थिति है। इसलिए राज्य
सरकारों और निजी कालेजों को अलग से एमबीबीएस और बीडीएस के लिए प्रवेश
परीक्षा कराने की अनुमति दी जाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार ऑल
इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआइपीएमटी) को ही एक मई को बतौर नीट-1 आयोजित
किया जाएगा। इसके अलावा, जिन परीक्षार्थियों ने एआइपीएमटी के लिए आवेदन
नहीं किया है उन्हें नीट-2 में 24 जुलाई को परीक्षा देने का अवसर दिया
जाएगा। इन दोनों परीक्षाओं का नतीजा 17 अगस्त को घोषित होगा, ताकि एडमीशन
की प्रक्रिया 30 सितंबर तक पूरी हो जाए।
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