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Sunday, 7 August 2016

शिक्षा के बदलाव में पहला पड़ाव पार, तबादले हुए टेंशन फ्री

** 35 हजार 500 पीजीटी शिक्षकों की जरूरत
** 17 हजार 500 पीजीटी शिक्षक हैं फिलहाल प्रदेश में
** 400 पीजीटी शिक्षक ने नहीं किया तबादले के लिए अप्लाई
चंडीगढ़ : शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की मुहिम शुरू करने वाली मनोहरलाल सरकार ने शनिवार को दस हजार से ऊपर पीजीटी लैक्चरर्स के ऑनलाइन तबादले कर पहला धमाका कर दिया है। इसके बाद अपने तबादले की अर्जी लेकर शिक्षकों, उनके परिजनों को नेताजी के द्वार पहुंचने की बीमारी से छुटकारा दिलाने के क्रम में पहला मोर्चा मार लिया है। वैसे राज्य के स्कूलों में लगभग 35 हजार 5 सौ पीजीटी शिक्षकों की जरूरत है, इसके विपरीत राज्य में आधे ही पीजीटी अर्थात 17 हजार पांच सौ हैं। लगभग चार सौ ऐसे पीजीटी शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक भी ऑनलाइन अप्लाई नहीं किया था, उन्हें भी हर सूरत में अपने तबादले के लिए आवेदन करना होगा। दूसरी ओर, राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के एसीएस पीके दास ने शनिवार को यह भी साफ कर दिया कि अब बारी टीजीटी और जेबीटी शिक्षकों की है, जिनके लिए जल्द ही पोर्टल पर विकल्प खोल दिए जाएंगे सभी को इसमें अप्लाई करना होगा।
राजकीय स्कूलों को नई तबादला पॉलिसी में सात जोन में बांटा गया है। इनमें सबसे पहला जोन नगर निगम, पालिका क्षेत्र में स्थित सिटी, जिला मुख्यालय रखा गया है। दूसरा 10 किलोमीटर के अंदर स्थित स्कूल जिला मुख्यालय से, तीन स्कूल की लोकेशन शहर, कस्बे में एजूकेशन ब्लाक मुख्यालय के पास होगी अथवा जिला मुख्यालय के पास स्थित होंगे। चार नंबर पर वे स्कूल रखे गए हैं, जो स्टेट हाइवे व नेशनल हाइवे के पास अथवा दस से पंद्रह किलोमीटर तक और नगर निगम, नगर पालिका से बाहर आते हैं। पांचवां बिंदु पांच किलोमीटर एरिया ब्लाक मुख्यालय के चारों ओर स्थित हो। जोन छह में स्कूल वे जो पाचं से दस किलोमीटर दूरी पर हों ब्लाक मुख्यालय से बस स्टैंट अथवा शहर से उनकी दूरी इससे ज्यादा नहीं हो। सातवे नंबर पर उन स्कूलों को रखा गया है, जो इन सभी बिंदुओं के तहत कवर नहीं हो रहे हैं। 
सूत्रों का कहना है कि अब पीजीटी, टीजीटी, जेबीटी शिक्षकों के तबादले के बाद में विभाग में तबादलों के लिए एक तय समय होगा। इसके साथ ही दिशा निर्देश और पॉलिसी भी पूरी तरह से आनलाइन व पारदर्शी होगी। गत डेढ़ दशक के बाद में विभाग में पोस्टों का रेशनेलाइजेशन किया गया है, जिससे शिक्षकों की तस्वीर भी पूरी तरह से साफ हो गई है। विभाग में अध्यापकों की कमी को पूर्ण करने का भी अब नियमित प्रोसेस रहेगा, जिसके तहत आटोमोड पर वेकेंसी की डिमांड एचएसएससी को भेजी जाएगी। स्कूलों के टाइम टेबल के अलावा कईं अन्य बातें भी योजनाबद्ध तरीके से तैयार रहेंगे।                                                              hb

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