हिसार/रोहतक : शिक्षाविभाग में पहली बार अॉनलाइन ट्रांसफर के अगले दिन ही कई आपत्तियां गईं। जिलों के विषय विशेषज्ञ पिछड़ गए। विषय विशेषज्ञों का एतराज है कि उन्हें रिजल्ट के कॉलम में शून्य अंक दिए गए, जबकि उनका काम पढ़ाने की बजाय विषय की प्रतियोगिता करवाना और प्रयोगशालाओं का निरीक्षण कर शिक्षा विभाग को रिपोर्ट सौंपना है। प्रत्येक जिले में एक-एक जिला विज्ञान और गणित विशेषज्ञ के पद हैं।
शिक्षा विभाग की ओर से स्थानांतरित किए गए 10 हजार 436 पीजीटी के साथ जिला विज्ञान विशेषज्ञ, जिला गणित विशेषज्ञ और सहायक शिक्षा अधिकारी (खेल) के तबादले को लेकर शिक्षकों ने आपत्ति दर्ज जताई हैं। विशेषज्ञ भले ही तबादले के बाद स्टेशन छोड़ रहे हैं, मगर साथ ही स्थानांतरण पॉलिसी पर सवालिया निशान लगाते हुए निदेशालय को शिकायत भी भेजी है। विशेषज्ञों ने अपने-अपने जिले से निदेशालय को स्थानांतरण पॉलिसी में उनकी अनदेखी किए जाने के बारे में अवगत करवाया है।
इधर,अध्यापकोंका शिकवा है कि उनसे ऑनलाइन जो तीस ऑप्शन भरवाए गए थे, उनमें से एक भी नहीं दिया गया। इसके विपरीत अध्यापकों की पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरी तरह नजरंदाज करते हुए उन्हें 200 से 250 किलोमीटर दूर भेज दिया गया।
"मैंने पिछले कई वर्षों में राष्ट्रीय राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसमें हिसार की टीमों ने जीत हासिल कर जिले को सम्मान दिलाया है। बावजूद इसके मेरे इस कार्य को विद्यार्थियों के परिणाम के तहत स्थानांनतरण पॉलिसी के अंतर्गत अंक देकर अनदेखी की गई है।"--पूर्णिमा,जिला विज्ञान विशेषज्ञ हिसार।
"स्थानांतरण पॉलिसी के तहत शिक्षकों को विभिन्न कॉलम के तहत अंक दिए गए हैं। पॉलिसी निदेशालय स्तर पर बनाई गई है। नई स्थानांतरण पॉलिसी के तहत जो भी शिक्षकों के संबंध में फैसले हुए हैं, वे निदेशालय स्तर का मामला है।"-- संतोषहुड्डा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी हिसार। db
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