** विजिलेंस टीम ने स्कूल संचालक जयपाल को काबू किया।दो दिन रिमांड के बाद दोबारा उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।
हिसार : चार साल पहले पोस्ट ग्रेजुएट टीचर की चयन प्रक्रिया में आठ युवतियों और एक युवक ने धोखाधड़ी से सरकारी शिक्षक की नौकरी हासिल की थी।भिवानी जिले के गांव दुर्जनपुर में चलने वाले स्कूल पीडीएम स्कूल से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बनवाए गए। उनके आधार पर उनका चयन हो गया, लेकिन विजिलेंस की टीम ने जांच की तो धोखाधड़ी का मामला सामने आया। अब विजिलेंस टीम ने स्कूल संचालक जयपाल को गिरफ्तार किया है। दो दिन के रिमांड के बाद दोबारा उन्हें कोर्ट पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। फर्जीवाड़ा करने वाले नौ लोग पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।
मुख्य सचिव हरियाणा ने 19 नवंबर 2015 को स्टेट विजिलेंस ब्यूरो पंचकूला के महानिदेशक को पत्र लिखकर सन् 2012 की पीजीटी भर्ती की जांच के आदेश दिए गए थे। बाद में महानिदेशक ने इसे रेंज मुख्यालय भेजा था। रेंज की विजिलेंस टीम ने रिकॉर्ड जांचें तो फर्जीवाड़े की परत खुलती गई, जिसमें सलेक्ट आठ युवतियों और एक युवक का फर्जी तरीके से ज्वाइनिंग लेते पाए गए।
दुर्जनपुर के पीडीएम स्कूल से बने थे प्रमाण पत्र
"उक्त आवेदकों के फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र भिवानी के गांव दुर्जनपुर स्थित पीडीएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल से बने थे। पड़ताल पाया कि रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर ये प्रमाण पत्र बनाए गए थे।इस संबंध में जांच अधिकारी ने बताया कि पीजीटी भर्ती को हरियाणा स्कूल टीचर सलेक्शन बोर्ड ने एक प्रस्ताव पास किया था। जिसमें हरियाणा स्कूल काडर सर्विस रूल्स 2012 के अनुसार प्रार्थी के लिए चार साल का शिक्षण अनुभव जरूरी था। चाहे तो एचटेट क्लीयर न किया हो।"--शरीफ सिंह, डीएसपी।
कमेटी ने की जांच:
सारे प्रमाण पत्रों की वेरिफिकेशन जांच को कमेटी बनी थी, मगर फिर भी धांधली उजागर नहीं हुई थी। डीएसपी शरीफ सिंह ने बताया कि जांच के बाद विजिलेंस ने इंस्पेक्टर अनिल की शिकायत पर बीती 29 अप्रैल को धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षडयंत्र रचने का केस दर्ज किया था। उन्होंने बताया कि स्कूल संचालक जयपाल को गिरफ्तार कर देा दिन के रिमांड पर लिया। hb
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