** ड्रॉप आउट की दर कम करने की दिशा में बढ़ाया था कदम
नई दिल्ली : नौवीं फेल दसवीं करें। शिक्षा निदेशालय की इस योजना के चलते
एकाएक स्कूलों में ऐसे विद्यार्थी फिर से दाखिले के लिए पहुंच रहे हैं जोकि
नौवीं में दो या तीन बार फेल होने के चलते पढ़ाई छोड़ चुके थे। निदेशालय
ने इन विद्यार्थियों को पत्रचार के माध्यम से दसवीं पास करने का एक अवसर
उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। दसवीं के लिए 31 अगस्त तक फॉर्म भरे जाएंगे।
योजना का लाभ उन्हीं विद्यार्थियों को मिलेगा जिनकी उम्र चौदह साल या इससे
अधिक है।
दिल्ली के स्कूलों में आठवीं तक नो डिटेंशन पॉलिसी के चलते कोई
विद्यार्थी फेल नहीं किया जाता है। इसके बाद एकाएक नौवीं में पढ़ाई और उचित
मूल्यांकन के चलते सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में विद्यार्थी फेल
होते हैं। ऐसे ही विद्यार्थी जब साल दो साल फेल होते हैं तो सामान्य तौर पर
स्कूल छोड़ देते हैं। शिक्षा निदेशालय ने ड्रॉप आउट की संख्या को कम करने
के लिए दो व तीन साल तक फेल हुए विद्यार्थियों को दसवीं करने का अवसर
मुहैया कराया है। शिक्षा निदेशालय की इस योजना के अंतर्गत 50 हजार से अधिक
विद्यार्थी आ रहे हैं। अब स्कूलों में ऐसे विद्यार्थियों की एकाएक भीड़ बढ़
गई है। दक्षिणी दिल्ली के एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि उनके
यहां तीन साल पहले पढ़ाई छोड़ चुके विद्यार्थी पहुंच रहे हैं। अब समझ नहीं आ
रहा है कि इन विद्यार्थियों को दाखिला दें तो बैठने का इंतजाम कैसे होगा
और उनके लिए शिक्षक कैसे नियुक्त करें क्योंकि इन बच्चों पर अब अधिक ध्यान
देने की जरूरत होगी। ऐसा ही हाल अन्य स्कूलों का भी है। वहीं विद्यार्थियों
का कहना है कि इससे कम से कम नौवीं फेल कहलाने से बच जाएंगे और दसवीं फेल
हो भी गए तो कोई गम नहीं। राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव अजयवीर
यादव का कहना है कि सरकार की यह योजना अव्यवहारिक है। जो विद्यार्थी नौवीं
में तीन बार फेल हो चुके हैं वे दसवीं में बोर्ड की परीक्षा में कैसे सफल
होंगे। सिर्फ इन विद्यार्थियों से पीछा छुड़ाने के लिए शिक्षा निदेशालय की
ओर से यह योजना लागू की गई है क्योंकि दसवीं में फेल होने पर फिर से यह
बच्चे स्कूल का रुख कतई नहीं करेंगे।
शिक्षा निदेशालय के निदेशक शैलेंद्र
शर्मा ने बताया कि नौवीं फेल विद्यार्थियों को दसवीं करने का अवसर देने के
चलते बढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए न सिर्फ शिक्षण बल्कि शिक्षकों का
भी इंतजाम प्रशासन करेगा। ऐसे विद्यार्थियों के लिए अलग सेक्शन (कक्षा)
बनाए जा रहे हैं। जहां तक शिक्षकों की बात है तो स्कूलों से कहा गया है कि
वे जरूरत के हिसाब से शिक्षकों की आवश्यकता बताएं, हम उन्हें शिक्षक व
संसाधन दोनों ही उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं। dj
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