अम्बाला सिटी : आखिरकार जेबीटी की काउंसिलिंग शांतिपूर्वक संपन्न हो गई। जिले के 105 जेबीटी सीनियोरिटी के आधार पर मनमाफिक स्टेशन पाकर खुशी-खुशी घर लौट गए। अब ये जेबीटी कुछ ही दिनों में नए स्टेशनों पर बच्चों को शिक्षा देंगे। हालांकि काउंसिलिंग में रेशनेलाइजेशन के नियमों के तहत 30 बच्चों के बजाए 25 बच्चों पर एक टीचर की व्यवस्था की गई है। इससे पहले डीईओ की अध्यक्षता में 19 जुलाई को हंगामेदार काउंसिलिंग भी हुई थी।
इसमें जेबीटी ने अधिकारियों पर चहेतों को मनचाहे स्टेशन अलॉट करने के आरोप लगाए थे। अव्यवस्था के कारण इस दिन मास्टर कैडर की काउंसिलिंग भी रद्द कर दी गई। भास्कर ने काउंसिलिंग में धांधलेबाजी को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। क्योंकि जिला शिक्षा विभाग ने अपनी मनमर्जी से ही काउंसिलिंग की थी। शिक्षा निदेशालय से कोई आदेश नहीं थे। काउंसिलिंग की गूंज शिक्षा निदेशालय के कानों तक भी पहुंची। तब निदेशालय ने इसे रद्द कर दिया और खुद ही काउंसिलिंग करने का फैसला किया।
बुधवार मौलिक शिक्षा निदेशालय हरियाणा की सहायक निदेशक रूपा सैनी की अध्यक्षता में काउंसिलिंग शुरू हुई। सहायक निदेशक की सहायता के लिए बीईओ सुमन मुंजाल भी उपस्थित थीं। शुरुआत में काउंसिलिंग के लिए 30 बच्चों पर एक टीचर का अनुपात रखा गया लेकिन अध्यापक संघों ने दूसरे जिलों में 25 बच्चों पर एक जेबीटी के अनुपात का नियम पेश किए। तब सहायक निदेशक ने मुख्यालय में फोन किया। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद अम्बाला में भी वहीं नियम लागू रखा गया जो दूसरों जिले में तय किया गया। काउंसिलिंग प्रक्रिया 11 बजे से शुरू हुई।
जैसे-जैसे सीनियोरिटी के आधार पर जेबीटी को मनचाहे स्टेशन मिलते जा रहे थे। वे खुशी-खुशी अपने घरों को रुख्सत करते जा रहे थे। काउंसिलिंग लगभग शाम 6 बजे तक चली। ..DB
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