रेवाड़ी : शिक्षा निदेशालय शिक्षा सदन पंचकूला की ओर से चयनित प्राध्यापकों को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए जाने पर रोष प्रकट किया गया। इस संबंध में करीब 50 चयनित प्राध्यापकों ने शिक्षामंत्री गीता भुक्कल से मिलकर शिक्षा निदेशालय को दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की। रेवाड़ी, रोहतक, कुरुक्षेत्र, सोनीपत, पटौदी, चरखीदादरी सहित प्रदेशभर के प्राध्यापकों ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपकर जिन चार विश्वविद्यालयों से डिग्री प्राप्त उम्मीदवारों के नियुक्ति पत्र रोके गए हैं, उस पर स्थिति स्पष्ट करने की गुहार लगाई। उनका कहना था कि पात्रता सहित सभी शर्तें पूरी करने के बावजूद एक हजार से अधिक चयनित प्राध्यापकों को निदेशालय ने बिना कोई कारण बताए नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया।
पीयूष हरित, धर्मेंद्र कुमार, राजेश कुमार, विकास, संजय हरित, राजरतन, नीरज, नरेंद्र आदि ने जिन चार विश्वविद्यालयों जेआरएन विद्यापीठ उदयपुर राजस्थान, आईएसई विश्वविद्यालय राजस्थान, विनायका मिशन विश्वविद्यालय तमिलनाडु और बेंगलुरू विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण चयनित प्राध्यापकों के नियुक्ति पत्र रोके गए हैं। उन्हीं विश्वविद्यालयों से उत्तीर्ण उम्मीदवारों को जुलाई 2013 में बीआरपी के पद पर सर्व शिक्षा अभियान के तहत हरियाणा सरकार ज्वाइनिंग दे चुकी है।
सिर्फ आश्वासन दे रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी
इन प्राध्यापकों का कहना है कि इससे पहले वे 19 दिसंबर को शिक्षा निदेशालय पहुंच वित्त सचिव सुरीना राजन से भी मिल चुके हैं। उन्होंने उन्हें कोई कारण नहीं बताए। केवल आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। वर्ष 2011 में इन विश्वविद्यालयों के चयनित प्राध्यापक आज तक नियुक्ति पत्र की बाट जोह रहे हैं। उन्होंने चयनित प्राध्यापकों की समस्याओं को लेकर जल्द ही समाधान कराने का आश्वासन दिया। पीडि़त प्राध्यापकों ने 19 जनवरी को झज्जर में एक दिन का सांकेतिक धरना देने का निर्णय लिया है। शिक्षामंत्री के आवास पर प्रदेश भर के चयनित प्राध्यापक हिस्सा लेंगे। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.