हिसार : होम एग्जाम सिस्टम ने शिक्षा बोर्ड की सेकंडरी और सीनियर सेकंडरी क क्षाओं के परीक्षा परिणाम को बढ़ा दिया है। पिछले साल के मुकाबले सेकंडरी 36 फीसदी व सीनियर सेकंडरी का परिणाम 15 फीसदी ज्यादा रहा।
बोर्ड का दावा है कि इस बार सेकंडरी 86 व सीनियर का 64 फीसदी परीक्षा परिणाम रहा। उधर, पिछले साल सेकंडरी का 50 व सीनियर सेकंडरी का 59 फीसदी था। बोर्ड के मुताबिक होम एग्जाम सिस्टम होने से परीक्षार्थियों में बोर्ड एग्जाम का भय नहीं था। इस वजह से यह रिजल्ट बढिय़ा आया है।उधर, सूत्रों की मानें तो इस बार बोर्ड व शिक्षकों पर रिजल्ट को सुधारने का काफी दबाव था। इस कारण से शिक्षकों ने दिल खोलकर माक्र्स दिए। इसके अलावा बोर्ड ने परीक्षार्थियों को ग्रेस माक्र्स दिए हैं।
इसी का परिणाम है कि इस बार रिजल्ट पिछले साल के मुकाबले ज्यादा आया है। इससे पहले तक पहले सेमेस्टर की परीक्षा भी बोर्ड अपने स्तर पर ही लेता था। बोर्ड ने पहली दफा यह बदलाव किया था।
"बोर्ड ने इस दफा भय रहित परीक्षा संचालित की थी। इसके परिणाम भी अच्छे रहे। इसी का नतीजा है कि परीक्षा परिणाम पिछले व र्ष के मुकाबले ज्यादा रहा।"--महेंद्रपाल सिंह, संयुक्त सचिव, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड
अंक सुधार के लिए ऑनलाइन आवेदन
शिक्षा बोर्ड ने परीक्षार्थियों को एक महीने के अंदर रि-चेकिंग व रिवेल्युएशन के लिए आवेदन करने को कहा है। बोर्ड के मुताबिक परीक्षार्थियों को इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इसके अलावा बोर्ड की वेबसाइट पर फार्म डाउनलोड कर उसे भरकर जमा करा सकते हैं। यह फार्म बोर्ड के जिला समन्वय केंद्रों, पंजीकृत पुस्तक विक्रेताओं व बोर्ड मुख्यालय से भी प्राप्त किया जा सकता है। पहले सेमेस्टर की रि-अपीयर परीक्षा के लिए परीक्षार्थी 375 रुपये निर्धारित फीस के साथ 5 फरवरी तक जमा करा सकते हैं। 300 रुपये लेट फीस के साथ 17 फरवरी तक रि-अपीयर परीक्षा के लिए आवेदन कर सकेंगे। उधर, सेकंडरी व सीनियर सेकंडरी स्वयंपाठी परीक्षार्थी 5 फरवरी तक 640 रुपये निर्धारित फीस के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे, जबकि 300 रुपये लेट फीस के साथ आवेदन करने की अंतिम तिथि 17 फरवरी होगी।
दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा की तैयारी
शिक्षा बोर्ड दूसरे सेमेस्टर की तैयारियों में जुट गया है। बोर्ड ने सभी निजी व सरकारी स्कूलों से उनके यहां तैनात शिक्षकों का डाटा मांगा है, ताकि परीक्षा के समय उनकी ड्यूटी लगाई जा सके। उल्लेखनीय है पिछली दफा लगाई शिक्षकों की ड्यूटियों पर आपत्तियां उठा दी गई थीं। इस कारण से इस बार बोर्ड ने शिक्षकों का अनुभव भी मांगा गया है। db
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