** 92 सौ में से 89 सौ ने स्कूल बेस्ड एग्जाम को किया सेलेक्ट
सोनीपत : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) में कक्षा 10वीं से बोर्ड एग्जाम पैटर्न खत्म होने की दहलीज पर पहुंच गया है। इस बार होने वाली 10वीं की परीक्षा में जिले के 69 स्कूलों के करीब 92सौ विद्यार्थी शामिल होंगे, जिनमें से 89सौ विद्यार्थियों ने स्कूल बेस्ड एग्जाम को सेलेक्ट किया है। जबकि बोर्ड बेस्ड एग्जाम का चयन महज तीन सौ स्टूडेंट्स ने किया है। स्कूल प्रिंसिपलों की माने तो संभव है कि अगले सत्र से कक्षा दसवीं में सिर्फ स्कूल बेस्ड एग्जाम ही होगा, बोर्ड एग्जाम को खत्म कर दिया जाएगा।
सीबीएसई ने बोर्ड एग्जाम का डर खत्म करने के लिए भले ही दसवीं और बारहवीं क्लास में ग्रेडिंग सिस्टम लागू कर दिया हो, लेकिन इसके बाद भी स्टूडेंट्स में बोर्ड द्वारा कंडक्ट कराए जाने वाले एग्जाम से अभी भी डर लगता है। इसी के चलते महज तीन सौ विद्यार्थी ही बोर्ड बेस्ड एग्जाम को पंसद करने का साहस जुटा सके हैं। सीबीएसई के बोर्ड एग्जाम एक मार्च से प्रारंभ हो रहे हैं जबकि स्कूल बेस्ड एग्जाम उसके बाद आयोजित किए जाएंगे। इसकी डेटशीट सहोदय के पदाधिकारी मिलकर तय करते हैं।
बढिय़ा ग्रेडिंग को छोड़ा बोर्ड
कक्षा दसवीं में क्युमुलेटिव ग्रेड पॉइंट एवरेज (सीजीपीए) के अनुसार स्टूडेंट्स का स्कोर पता चलता है। यदि स्टूडेंट्स स्कूल बेस्ड एग्जाम में बैठते हैं, तो उनके रिजल्ट बेहतर होने के आसार ज्यादा होते हैं। इसलिए कक्षा दसवीं में सीजीपीए के तहत ज्यादातर बच्चों की स्कोरिंग आठ से ज्यादा होती है। आठ पॉइंट से नीचे रिजल्ट एवरेज समझा जाता है।
बोर्ड बदलने के लिए एग्जाम में बैठना जरूरी
शहर में भी ऐसे ही स्टूडेंट्स बोर्ड एग्जाम में बैठ रहे हैं, जो सीबीएसई बोर्ड बदलकर स्टेट बोर्ड या आईसीएसई लेना चाहते हैं। दूसरे स्कूल में कक्षा ११वीं में एडमिशन चाहते हैं। स्कूल बेस्ड एग्जाम में अभी 70 परसेंट एग्जाम हो चुके हैं। केवल 30 प्रतिशत एसए-टू के रूप में रह गया है। इसलिए स्कूल बेस्ड वाले स्टूडेंट्स एसए-टू देंगे। बोर्ड स्टूडेंट्स एक मार्च से एग्जाम में बैठेंगे।
यह है स्कूल बेस्ड एग्जाम
- यह समेस्टिव असेसमेंट-टू के नाम से होता है।
- एग्जाम स्कूलों में ही होते हैं।
- इसकी आंसरशीट स्कूल में टीचर्स ही चेक करते हैं, लेकिन मार्किंग स्कीम बोर्ड भेजता है।
- स्टूडेंट्स एक ही स्कूल में कक्षा ग्यारहवीं में लगातार पढऩा चाहते हैं उनके लिए स्कूल बेस्ड एग्जाम ऑप्शन है।
- बोर्ड बेस्ड एग्जाम के लिए परीक्षा केंद्र अलग बनाए जाते हैं।
- प्रश्न की आंसरशीट बोर्ड द्वारा तय की गई कमेटी चैक करती है।
- प्रश्न पेपर बोर्ड बनाकर भेजता है।
- जो स्टूडेंट्स कक्षा ग्यारहवीं में दूसरे स्कूल में एडमिशन लेना चाहते हैं, उन्हें बोर्ड एग्जाम अनिवार्य हैं।
"यह सही है कि इस बार पहले से भी अधिक विद्यार्थियों ने स्कूल बेस्ड एग्जाम को सेलेक्ट किया हैं। संभव है कि अगले सत्र से बोर्ड एग्जाम को खत्म ही कर दिया जाए।'' --वीके मित्तल, अध्यक्ष, सहोदय, सोनीपत
"पूर्व में चार पांच बच्चों ने बोर्ड एग्जाम को पंसद किया था, लेकिन मौजूदा सत्र में तो एक भी विद्यार्थी की पसंद बोर्ड एग्जाम नहीं बना। हालांकि दोनों एग्जाम में कोई खास फर्क नहीं है और प्रमाण पत्र में भी विशेष बदलाव नहीं है, लेकिन संभवत: बोर्ड एग्जाम का फोबिया ही है कि विद्यार्थी बोर्ड बेस्ड के बजाए स्कूल बेस्ड एग्जाम को अधिक पंसद कर रहे हैं।''--आशीष आर्य, चेयरमैन, लिटिल एंजेल स्कूल, सोनीपत db
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