रोहतक : अपनी लंबित मांगों को लेकर व शिक्षा विभाग के रोजाना लिए जा रहे नए
फैसलों के खिलाफ एक बार हसला (हरियाणा स्कूल लैरर एसोसिएशन) संघर्ष के मूड
में है। एसोसिएशन ने चार फरवरी को स्टेट कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है।
बैठक में हसला आगामी आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी। हसला के प्रांतीय
अध्यक्ष दयानन्द दलाल ने सरकार एवं स्कूल शिक्षा विभाग के बार-2 झूठे
आश्वासनों के खिलाफ आगाह किया है कि अगर स्कूल शिक्षा के साथ बार-2
विद्यार्थी विरोधी नीतियां एवं स्कूल शिक्षा को एक प्रयोगशाला बनाकर कर रख
दिया है। इससे बच्चों की पढ़ाई के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। छठी से
आठवीं कक्षा तक पढ़ाने के प्रदेश सरकार के फैसले के जबाव में दलाल ने कहा
कि कोई भी प्राध्यापक छठी कक्षा तक नहीं पढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले
साल नवम्बर के अन्तिम सप्ताह में सरकार प्रतिनिधियों के साथ हुई बातचीत में
सरकार ने यह आश्वासन दिया था कि 15 दिन के अन्दर-2 आपकी मांगे पूरी कर दी
जाएगी, परन्तु आज तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला है। राज्य सरकार पर
हमला बोलते हुए प्रधान ने कहा कि एक तरफ सरकार आरटीई 2009 लागू करके
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस हाईकमान के सामने बच्चों के भविष्य को दांव पर
रखकर झूठी वाहवाही लूटने की कोशिश की। स्कूली शिक्षा में 2 टियर प्रणाली
लागू की गई है जैसा कि आरटीई एक्ट में प्रावधान है जिसके अन्तर्गत कक्षा 1
से 8 एलिमेंटरी शिक्षा प्रणाली तथा 9 से 12 माध्यमिक शिक्षा प्रणाली के
अन्तर्गत रखी गई तथा उसी के अनुरूप अलग-2 दो शिक्षा निदेशालय बनाए गए है। dj
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