** हाई स्कूलों में छह विषयों की पोस्ट ग्रेजुएट टीचर की पोस्ट क्रिएट की लेकिन ज्यादातर स्कूलों में खाली पड़ी
स्कूलों में इस बार भी थ्री-टियर सिस्टम लागू नहीं हो पाएगा। सरकार पिछले दो वर्षों से इस सिस्टम को लागू करने का प्रयास कर रही है लेकिन शिक्षकों के अभाव ने इस सिस्टम के लागू होने में अडंग़ा लगा दिया है। शिक्षा विभाग की ओर से राइट टू एजुकेशन 2009 (आरटीई) सिस्टम को लागू करने के लिए पिछले दो वर्षों से प्रयास किया जा रहा है।
सरकार ने पिछले वर्ष 4800 ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर को मिडिल हेड बना दिया था। दस हजार के करीब पीजीटी ने स्कूलों में ज्वाइन भी कर लिया है। इसके बावजूद ज्यादातर हाई स्कूलों में पद रिक्त पड़े हैं। हाई स्कूलों में छह पीजीटी की पोस्ट क्रिएट कर दी हैं। ज्यादातर हाई स्कूलों में एक या दो पीजीटी ही पढ़ा रहे हैं। कुल मिलाकर नए सत्र में भी शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू नहीं हो पाएगा। कैथल में 500 के करीब लेक्चरर की जरूरत है लेकिन फिलहाल 150 लेक्चरर ही आए हैं। अंग्रेजी व हिंदी के लेक्चरर की लिस्ट आ चुकी है लेकिन अभी तक उनकी ज्वाइनिंग नहीं हुई है। जिन स्कूलों में 60 से ज्यादा साइंस के विद्यार्थी हैं, उन स्कूलों में साइंस टीचर का पद भी क्रिएट कर दिया है।
क्या है थ्री-टियर सिस्टम
थ्री-टियर सिस्टम के तहत पहली से पांचवीं तक प्राइमरी टीचर, छठी से आठवीं तक टीजीटी और नौंवी से 12वीं तक पीजीटी को पढ़ाना था।यानी पहली से पांचवीं तक जेबीटी, उसके बाद आठवीं तक ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर और उसके बाद जमा दो तक लेक्चरर स्तर के अध्यापक ही बच्चों को पढ़ा सकेंगे।
टीजीटी की करनी होगी प्रमोशन
"इस सिस्टम को लागू करने के लिए शिक्षा विभाग को 33600 लेक्चरर की जरूरत है लेकिन शिक्षा विभाग के पास इतने लेक्चरर नहीं है। नौ हजार पहले स्कूलों में लगे हुए हैं। 14 हजार के करीब नए लेक्चरर आ गए हैं। सात आठ हजार टीजीटी की प्रमोशन रुकी हुई है। इनकी प्रमोशन करने के बाद यह सिस्टम लागू हो सकता है लेकिन विभाग टीजीटी की प्रमोशन में भी आए दिन नया अडंग़ा लगा रहा है। इसके अलावा जेबीटी की नौ हजार और पीजीटी की तीन विषयों की लिस्ट अधर में लटकी हुई है। ये लिस्ट भी जल्द जारी होनी चाहिए। नए सत्र से पहले ज्वाइनिंग कराकर इस सिस्टम को लागू किया जा सकता है।"--सतबीर गोयत, सचिव, जिला अध्यापक संघ
रेशनेलाइजेशन को लेकर विवाद
शिक्षा विभाग ने स्कूलों में आरटीई लागू करने के लिए स्कूलों में रेशनेलाइजेशन करना शुरू किया था जहां एक सब्जेक्ट के कई-कई शिक्षक बैठे थे। उन्हें उठाने की प्लानिंग थी लेकिन संगठनों ने इसका विरोध कर दिया था। अब दोबारा भी रेशनेलाइजेशन लागू करने की बात हो रही है। जिस स्कूल में एक विषय के कई-कई अध्यापक बैठे हुए हैं। उन्हें उठाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
छठी से 12वीं तक पढ़ाएंगे पीजीटी
"हाई स्कूलों में पीजीटी के छह पद सृजित कर दिए हैं। इसमें अंग्रेजी, हिंदी, मैथ्स, साइंस के लिए फिजिक्स, कैमिस्ट्री व बायो में से एक, सोशल साइंस में से एक, पंजाबी, संस्कृत और फाइन आर्ट में से एक पद सृजित किया है। लेकिन ज्यादातर हाई स्कूलों में पीजीटी के पद रिक्त पड़े हैं। जिन स्कूलों में पीजीटी का वर्क लोड पूरा नहीं होता। वे अब छठी से 12वीं तक पढ़ाएंगे। सप्ताह में 30 पीरियड लेने अनिवार्य होंगे। सेकेंडरी एजुकेशन ने इसके लिए बाकायदा सभी डीईओ को पत्र लिखकर आदेश दिए हैं जो पीजीटी हाई स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। उनका वर्कलोड पूरा नहीं हो रहा है इसलिए उन्हें नौवीं से दसवीं के अलावा छोटी कक्षाएं भी पढ़ानी पड़ेंगी।"--शमशेर सिंह सिरोही, डिप्टी डीईओ। dbktl
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