** हलफनामे में कहा, सेंसस व दूसरी ड्यूटियों से शैक्षणिक सत्रों पर पड़ रहा असर
** शहर के चार स्कूलों में आधारभूत ढांचे और स्टाफ की कमी का उजागर की
चंडीगढ़ : शहर के सरकारी स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं की कमी से शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहे असर पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ स्कूल एजूकेशन (सीबीएसई) ने टीचरों को दूसरी जगह ड्यूटी पर लगाने पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। सीबीएसई की तरफ से सोमवार को हाईकोर्ट में पेश किए हलफनामे में कहा कि सेंसस और अन्य सरकारी ड्यूटियों पर लगाने का सीधा असर स्कूलों के शैक्षणिक स्तर पर पड़ रहा है।
इससे शिक्षा की गुणवत्ता भी गिर रही है। इसके साथ ही सीबीएसई ने शहर के उन चार स्कूलों का भी ब्योरा पेश किया है, जहां आधारभूत ढांचे और स्टाफ की कमी है। चीफ जस्टिस संजय किशन कौल एवं जस्टिस अरुण पल्ली पर आधारित खंडपीठ ने हलफनामे को रिकॉर्ड में लेकर यूटी प्रशासन को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
हलफनामे में कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेशों के बाद पांच नवंबर 2013 को एक कमेटी का गठन किया गया था। इसमें सीबीएसई, पंचकूला के डिप्टी सेक्रेटरी के अलावा सेक्टर-6 स्थित हंस राज पब्लिक स्कूल और सेक्टर-26 स्थित सेक्रेड हार्ट स्कूल के प्राचार्यों को शामिल किया गया था। कमेटी ने चंडीगढ़ के पचास स्कूलों का निरीक्षण किया।
कमेटी ने 4 स्कूलों का उल्लेख अपनी रिपोर्ट में किया। इनमें आधार भूत ढांचे और स्टाफ की बेहद कमी है। इन स्कूलों में धनास स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, कारसन स्थित गर्वनमेंट मॉडल स्कूल, भडेरी स्थित गवर्नमेंट मॉडल हाईस्कूल और कासन स्थित गवर्नमेंट हाईस्कूल शामिल हैं। कमेटी ने अपने दौरे के दौरान टीचरों की शिकायताें को भी सुना, जिसमें टीचिंग से अलग दूसरे काम में ड्यूटी लगाने की शिकायतें अधिक थीं। टीचरों का कहना था कि उनसे प्रशासनिक काम करवाना गलत है। उधर, चंडीगढ़ के डीपीआई स्कूल कमलेश कुमार भड्डु ने भी हाईकोर्ट में हलफनामा पेश किया है। इसमें कहा है कि 27 जनवरी 2014 को एडवायजरी काउंसिल की बैठक हुई है।
इसमें निर्णय लिया गया कि सरकारी स्कूलों के आधारभूत ढांचे को सुधारने में निजी स्कूल मदद करेंगे। निजी स्कूलों से निशुल्क सहायता देने की अपील की गई है। याद रहे कि स्थानीय निवासी गुरबीर सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका में कहा है कि चंडीगढ़ के स्कूलों में आधारभूत ढांचे और स्टाफ की कमी चल रही है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। au
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