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Tuesday, 18 February 2014

शिक्षा विभाग की गुगली से टीजीटी शिक्षक हुए बोल्ड

** पीजीटी प्रमोशन के लिए नहीं हटाई अध्यापन विषय की अनिवार्यता की शर्त    
** बीस हजार शिक्षक होंगे प्रभावित, सबसे ज्यादा गणित व विज्ञान के 
चंडीगढ़ : प्रमोशन पाकर पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) बनने की आस लगाए बैठे सरकारी स्कूलों में कार्यरत टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) शिक्षकों के अरमानों पर पानी फिर गया है। टीजीटी से वही शिक्षक पीजीटी बनेंगे, जिन्होंने अपने अध्यापन विषय में ही एमए की है। अन्य विषय में एमए करने वाले टीजीटी को प्रमोशन का लाभ नहीं मिलेगा। चूंकि हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग ने पीजीटी प्रमोशन के लिए अध्यापन विषय की अनिवार्यता की शर्त नहीं हटाई है। 
स्कूली शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन व मौलिक शिक्षा निदेशक डी सुरेश ने 19 दिसंबर 2013 को एक बैठक के दौरान शिक्षकों को यह आश्वासन दिया था कि टीजीटी से पीजीटी प्रमोशन में अध्यापन विषय की शर्त अनिवार्य नहीं होगी, लेकिन विभागीय अधिकारी अब अपने आश्वासन से मुकर रहे हैं। हाल ही में टीजीटी से प्रमोशन के लिए मांगे गए आवेदन के फार्म में अध्यापन विषय की शर्त यथावत है। इसका नुकसान सबसे अधिक गणित व विज्ञान विषय के शिक्षकों को उठाना पड़ेगा। 11 अप्रैल 2012 से पहले अध्यापन विषय की अनिवार्यता की शर्त लागू नहीं थी। शिक्षा विभाग की नई नीति का लाभ इस बार होने वाली पीजीटी प्रमोशन में लगभग बीस हजार टीजीटी शिक्षकों को नहीं मिल पाएगा। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मलिक इसके लिए विभाग के उच्च अधिकारियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि इससे सैकड़ों शिक्षक पीजीटी बनने से वंचित रह जाएंगे। विभाग को पुरानी नीति ही लागू करनी चाहिए। उन्होंने विभाग पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया। रमेश मलिक ने कहा कि जब शिक्षा मंत्री के समक्ष प्रधान सचिव शिक्षा ने अध्यापन विषय की अनिवार्यता की शर्त हटाने की बात स्वीकार की थी, तो अब वह क्यों इससे पीछे हट रही हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस मामले को शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के समक्ष उठाया जाएगा                                                          dj

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