प्रदेश की पूर्व शिक्षा मंत्री एवं हरियाणा जनहित कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री शांति राठी का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वे 79 वर्ष की थीं और पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। उनके निधन की खबर मिलते ही जिले भर में शोक की लहर दौड़ गई। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता व उनके समर्थक अंतिम दर्शन करने के लिए सेक्टर-15 स्थित उनके निवास पर पहुंचे। सेक्टर-15 स्थित श्मशान घाट पर शाम करीब 5 बजे वैदिक रीति से अंतिम संस्कार किया गया। उनके बेटे एवं हजकां नेता विक्रम राठी व राकेश राठी ने मुखाग्नि दी।
पूर्व मंत्री शांति राठी का जन्म 5 जनवरी 1935 को गांव मटिंडू में प्रसिद्ध आर्यसमाजी चौ. हरद्वारी के घर हुआ था। नौ बहन भाईयों में शांति राठी सबसे छोटी थी। बचपन से ही आर्य समाजी संस्कार होने के कारण उनका झुकाव भी आर्य समाज की ओर ज्यादा रहा। उनका विवाह राजपुर में चौ. लखीराम राठी के साथ हुआ था। शांति राठी ने स्टेट टीचर्स यूनियन की राज्य उप-प्रधान के रूप में अध्यापक वर्ग के हितों के लिए संघर्ष किया। 1977 के चुनाव में उन्हें जनता पार्टी से गन्नौर विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिला। जनता पार्टी की टिकट पर शांति राठी ने गन्नौर सीट से चुनाव जीत अपनी विजयी पताका फहराई थी। शांति राठी को 1991 के चुनाव में कांग्रेस ने गन्नौर से टिकट दिया। इस चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की। तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ.भजनलाल ने उन्हें अपनी सरकार में शिक्षा व जन स्वास्थ्य जैसे अहम विभागों का मंत्री बनाया। 1996 में भी उन्होंने गन्नौर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन वे पराजित हो गईं थीं।
नेत्रदान किए
उनकी इच्छानुसार उनके परिजनों ने दिवंगत शांति राठी के नेत्रदान की प्रक्रिया संपन्न कराई। उनके अंतिम संस्कार में सांसद जितेंद्र मलिक, ब्रिगेडियर सत्य देव दहिया, पूर्व मंत्री वेद सिंह मलिक, पूर्व मंत्री श्याम दास मुखिजा, अशोक शर्मा एडवोकेट, भाजपा नेता राजीव जैन, प्रदीप सांगवान, राजीव दहिया, संजीव दहिया, इनेलो नेता ब्रिगेडिया ओपी चौधरी आदि मौजूद रहे। ausnp
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