भिवानी : आयरन की कमी को शुरुआती स्तर पर ही काबू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने खास प्लान तैयार किया है। प्लान के तहत अब छह माह से पांच साल तक के बच्चों को भी आयरन की डोज दी जाएगी। इसके साथ बच्चों को विटामिन ए की डोज व एलबेंडाजोल की टेबलेट भी दी जाएगी।
माइक्रोन्यूट्रीएंट्स सप्लीमेंटेशन प्रोग्राम के तहत अब छह माह से पांच साल तक के बच्चों को आयरन की कमी को दूर करने के लिए आइरन की डोज के रूप में सिरप पिलाई जाएगी। चिकित्सकों की मानें तो सर्वे में 40 प्रतिशत बच्चों में आयरन की कमी पाई गई है, जो कि चिंता का विषय है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने अब छोटे बच्चों को भी आयरन डोज में शामिल किया है।
इससे पहले स्कूली स्तर पर विद्यार्थियों को नीली गोली खिलाई जाती है। हालांकि नीली गोली का भय स्कूली विद्यार्थियों में बना हुआ है, लेकिन स्कूल हैल्थ अधिकारी डॉ. मनीष पचार की मानें तो इन गोलियों से विद्यार्थियों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता। गोली खाने के बाद बच्चों के पेट में थोड़ी जलन अवश्य होती है। बच्चों को अपने अंदर से इस भय को निकालना होगा कि गोली से उनकी तबीयत बिगड़ सकती है।
इस प्रकार दी जाएगी खुराक
चाइल्ड हैल्थ के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि छोटे बच्चों को आयरन की डोज देने के लिए एक खास प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत एक-एक एमएल की चम्मच बनाई गई है ताकि बच्चों को ज्यादा डोज न पिला दी जाए। खंड स्तर पर प्रत्येक बुधवार को टीकाकरण का अभियान चलाया जाता है उसी दौरान बच्चों को यह डोज पिलाई जाएगी व बच्चों के साथ आने वाली मां को 100 एमएल की शीशी दे दी जाएगी। माताओं को बताया जाएगा की बच्चों को सप्ताह में दो बार एक-एक चम्मच सिरप देनी है। db
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