** शिक्षकों की बढ़ेगी जिम्मेदारी अधिकारियों की रुकेगी मनमानी, एपीएआर से ही अध्यापकों की होगी पदोन्नति
सरकारी स्कूलों के अध्यापक अब वार्षिक गोपनीयता मूल्यांकन रिपोर्ट खुद लिखेंगे। इससे पहले अध्यापकों की वार्षिक गोपनीयता रिपोर्ट हेड मास्टर लिखते रहे हैं। ऐसे में अध्यापकों द्वारा स्कूल हेड व शिक्षा अधिकारियों पर मनमानी के आरोप लगते रहे हैं।
शिक्षा विभाग अध्यापकों द्वारा फार्म में भरी गई वार्षिक गोपनीयता मूल्यांकन रिपोर्ट के ऑनलाइन करेगा। इसी रिपोर्ट के आधार पर अध्यापकों की पदोन्नति की जाएगी। जिले के 4 हजार नियमित अध्यापक 4 जुलाई को स्वयं एपीएआर के फार्म भरेंगे। हालांकि कुछ अध्यापकों तक एपीएआर के फार्म नहीं पहुंच पाए। ऐसे अध्यापकों को तीन जुलाई से पहले फार्म उपलब्ध कराए जाएंगे। जिला शिक्षा अधिकारियों के अनुसार एपीएआर कार्ड कुछ स्कूलों में पहुंच नहीं सके थे। फार्म में अध्यापक, स्कूल हेड, खंड शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी वर्ष 2013-14 में अपनी गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दर्ज करेंगे। इसमें बच्चों की पास प्रतिशतता, खेलकूद, स्कूल की अन्य गतिविधियां भी शामिल हैं। यह फार्म सौ अंक का होगा। अध्यापक द्वारा फार्म में दी गई जानकारी के आधार पर स्कूल हेड अपने विचार लिखेगा। इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी भी अपनी प्रतिक्रिया देगा। अध्यापकों की एपीएआर को ऑनलाइन कर दिया जाएगा। इस एपीएआर के आधार पर ही अध्यापक की पदोन्नति होगी। इस फार्म को 10 दिन के अंदर अध्यापक भरकर शिक्षा अधिकारियों के पास जमा कराएंगे। 15 जुलाई तक रिपोर्टिंग अधिकारी इसका मूल्यांकन करेगा। इस पर समीक्षा अधिकारी 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देगा। स्वीकारता अधिकारी 14 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट देगा। अध्यापक की एपीएआर पर की गई टिप्पणी के बारे में अध्यापक को भी सूचित किया जाएगा। अध्यापक 15 अगस्त तक शिक्षा अधिकारी से टिप्पणी में सुधार करवा सकता है। इसके बावजूद अगर टिप्पणी में सुधार नहीं होता तो अध्यापक 15 अक्टूबर तक अपील कर सकता है। 5 नवंबर को इस फार्म को अध्यापक के बायोडाटा के तौर पर शामिल कर लिया जाएगा। इसके बाद यही रिपोर्ट हर वर्ष अपडेट होती रहेगी। बल्कि वार्षिक रिपोर्ट बदलती रहेगी। इसी के आधार पर उसकी ट्रांसफर या पदोन्नति होगी।
वेबसाइट पर देखी जा सकेगी रिपोर्ट
"यह रिपोर्ट ऑनलाइन होने के बाद किसी भी शिक्षक की रिपोर्ट वेबसाइट पर देखी जा सकेगी। इससे पदोन्नति प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ेगी और अधिकारियों की मनमानी भी रुकेगी। हर स्कूल टीचर को एक फार्म उपलब्ध होगा। इस फार्म में अंकित कॉलम को भरना होगा।"--शमशेर सिंह सिरोही, उप जिला शिक्षा अधिकारी
स्कूल हेड पर लगते रहे हैं पक्षपात के आरोप
अध्यापकों की एसीआर लिखने पर स्कूल हेड पर पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं। यहां तक कि अध्यापकों को शिक्षा अधिकारियों की मनमानी का भी शिकार होना पड़ता रहा है। अध्यापकों का कहना है कि स्कूल हेड अपने चहेतों की एसीआर अच्छी लिख देता था। ऐसे में कई बार काबिल अध्यापक शिक्षा विभाग द्वारा दी जा रही सुविधाओं से वंचित रह जाता था। कुछ अध्यापक प्रमोशन के लिए नेताओं से भी फोन करवाकर प्रमोशन हासिल कर लेते थे। लेकिन एपीएआर ऑनलाइन होने से अच्छा पढ़ा रहे अध्यापकों को ही लाभ मिलेगा।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.