हरियाणा में नये 245 पोस्ट ग्रेजुएट टीचरों की ज्वाइनिंग के बाद अब उनकी नौकरी को लेकर पेंच फस गया है। शिक्षा निदेशालय की दस्तावेज जांच कमेटी ने अब उनके प्रमाणपत्रों की जांच के आदेश जारी किए हैं। ऐसे में अब जांच के बाद ही पीजीटी नौकरी कर पाएंगे। निदेशालय ने प्रदेश के जिलों में नियुक्त होने वाले पीजीटी की डिग्रियों को संदिग्ध मानते हुए यह फैसला लिया है। साथ ही इसको लेकर निदेशालय द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को एक पत्र भी भेजा गया है। इसमें पीजीटी के प्रमाणपत्रों की जांच के निर्देश दिए जाने का हवाला दिया गया है। साथ ही अधिकारियों को पीजीटी टीचरों को यह जानकारी दिए जाने का उल्लेख किया गया है। टीचरों को 27 व 28 अगस्त को उनके दस्तावेजों के साथ पंचकूला शिक्षा सदन मुख्यालय पहुंचने के आदेश जारी किए गए हैं। निदेशालय की दस्तावेज जांच कमेटी के मुताबिक अधिकांश टीचरों ने बाहरी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की हुई है। यूनिवर्सिटी को यूजीसी अप्रूवल, डेक की परमीशन न होने व अन्य कारणों से टीचरों की डिग्रियों को संदिग्ध की नजर से देखा जा रहा है। बता दें कि अक्सर देखने को मिलता है कि नियुक्ति के समय कई टीचर फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरी पा लेते हैं, बाद में भाड़ा फोड़ होने के बाद उन पर शिक्षा विभाग कार्रवाई भी करता है। ऐसी स्थिति पैदा न हो इस कारण विभाग ने प्रमाणपत्र जांच के लिए टीचरों को बुलाया है।
यह दस्तावेज ले जाने होंगे साथ :
दसवीं, बारहवीं, बीएड, बीए, एमए, एचटेट, अनुभव प्रमाणपत्र, जाति प्रमाण पत्र, रिहायशी प्रमाणपत्र, यूनिवर्सिटी का एडमिट कार्ड या फिर डेट शीट।
जांच होनी चाहिए ज्वाइनिंग से पहले :
हरियाणा राजकीय अध्यापक के प्रदेश प्रवक्ता जयबीर नाफरिया से जब इस संदर्भ में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा प्रमाणपत्रों की इस तरह की जांच ज्वाइनिंग व सिलेक्शन के समय में होनी चाहिए। इससे नियुक्ति में पारदर्शिता आएगी। बाद में दस्तावेजों की जांच होने के कारण मामले न्यायालय में लंबित हो जाते है। djbwn
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