चंडीगढ़ : शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों की कार्यप्रणाली फिर से कठघरे में है। 10वीं और 12वीं के सैकड़ों छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है। अगले महीने दोनों ही कक्षाओं की पहले समेस्टर की बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं, लेकिन अंग्रेजी व हिंदी के पांच हजार प्राध्यापक एक महीने की इंडक्शन ट्रेनिंग पर हैं, जिससे पढ़ाई बाधित हो रही है।
शिक्षा विभाग के इस गैर शैक्षणिक कार्य को सत्र के बीच कराने से उच्च अधिकारियों की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए छात्रों के भविष्य के मद्देनजर इंडक्शन ट्रेनिंग को तत्काल रद करने की मांग है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष वजीर सिंह का कहना है कि यदि ट्रेनिंग इतनी ही जरूरी है तो इसे भविष्य में टुकड़ों में ऐसे समय में कराया जाए, जब विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य न हो।
विभाग के अधिकारी शिक्षा का स्तर गिराने में लगे हुए हैं। वजीर सिंह ने विभाग द्वारा प्रस्तावित नौवीं कक्षा के बच्चों की एलएलओ परीक्षा कराने का भी विरोध किया है। इस परीक्षा का शिक्षा स्तर से कुछ लेना देना नहीं है। शिक्षा विभाग बजट से बड़ी राशि इधर-उधर करने को लेकर इसका आयोजन कर रहा है। djhsr
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