बेशक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को पोस्ट ग्रेजुएट लेवल के किसी भी तरह के प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करने का अनुभव नहीं है, बावजूद इसके यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने इस बार नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) की परीक्षा संचालन की जिम्मेदारी सीबीएसई को सौंप दी है।
सीबीएसई की ओर से अब यह परीक्षा दिसंबर माह में आयोजित की जाएगी। 80 विषयों में संचालित किए जाने वाली इस परीक्षा में करीब 40 हजार प्रतिभागी स्टूडेंट्स के भाग लेने की संभावना है।
बता दें कि यूजीसी वर्ष 1989 से इस परीक्षा को आयोजित कर रहा है। साल में दो बार होने वाली इस परीक्षा का पहला दौर जून 2014 में पूरा हो चुका है। हालांकि पहले की तरह नेट का पेपर यूजीसी ही तैयार करेगा।
नेट परीक्षा संचालित
"सीबीएसई इस बार नेट परीक्षा को संचालित करेगी। हालांकि यह जिम्मेदारी चुनौतीपूर्ण तो है, लेकिन मुश्किल नहीं है। क्योंकि सीबीएसई लंबे समय से ऑल इंडिया इंजीनियरिंग और ऑल इंडिया प्री-मेडिकल एग्जाम सफलतापूर्वक संचालित करती रही है। वहीं हमें आश्वस्त किया गया है कि यूजीसी नेट परीक्षा से जुड़े सभी पहलुओं पर सीबीएसई की मदद करेगी।''--विनीतजोशी, चेयरमैनसीबीएसई
यूजीसी बोर्ड ने बढ़ते स्टूडेंट और सीमित संसाधन के कारण लिया फैसला
देश भर में एक साथ परीक्षा का संचालन करने में यूजीसी को हाल के समय में परेशानी रही थी। यह मुद्दा हाल ही में यूजीसी बोर्ड की बैठक में भी खूब उछला, जिसमें आखिर में तय किया गया कि परीक्षा संचालन इस बार सीबीएसई से करवाया जाएगा। यूजीसी द्वारा सीबीएसई को यह जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग की व्यवस्था अपनाते हुए दी गई है।
इसलिए महत्वपूर्ण होती है यह परीक्षा
नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट अर्थात नेट की परीक्षा में क्लियर होने वाले प्रतिभागी सीधे तौर पर असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की न्यूनतम अर्हता हासिल कर लेते हैं। यही कारण है कि इस परीक्षा को कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में लेक्चरर और रिसर्चर की जॉब पाने का 'एंट्रेंस गेट' भी माना जाता है। dbsnpt
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