दूसरे प्रदेशों से आए छात्रों को एडमिशन देने में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से संबद्ध निजी स्कूलों को सावधानी बरतनी पड़ेगी। अब ऐसे छात्रों के सर्टिफिकेट जांच सत्यापन करने की जिम्मेवारी सौंप दी गई है। सत्यापन में गलती होने पर गाज स्कूल संचालकों पर गिरेगी।
अभी भी बड़ी संख्या में 10वीं के ऐसे छात्रों का परीक्षा परिणाम रुका है, जो अन्य प्रदेशों से आकर पंजीकृत हुए थे। उनके सर्टिफिकेट की जांच चल रही है। अब बोर्ड ने भविष्य में होने वाली परेशानी से बचने के लिए यह निर्णय दिया है। इसे गंभीरता से लेने का कहा गया है। ऐसा करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई हो सकती है। बोर्ड की ओर से 9वीं से 12वीं कक्षा के ऑनलाइन एनरोलमेंट रिटर्न भरने के साथ जारी कर दिया गया है। सोमवार से प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस प्रक्रिया के शुरू होने के बाद निजी स्कूलों में हड़कंप मच गया है। जिसकी शिकायत निजी स्कूल प्रबंधकों ने अपनी अपनी एसोसिएशन में की है।
निजी स्कूल प्रबंधन के आरोप:
निजी स्कूलों का कहना है कि बोर्ड ने अभी तक 10वीं के दूसरे प्रांत से आए छात्रों का दूसरे सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम नहीं निकाला। इससे परेशानी बढ़ गई है। बोर्ड को पहले ही इनके प्रमाण पत्रों की जांच करनी थी। बार-बार ध्यान दिलाने के बाद भी बोर्ड का रवैया ठीक नहीं है। ऐसे में परिणाम जारी नहीं होने से इन छात्रों का एनरोलमेंट रिटर्न कैसे भरा जाएगा। इसको स्पष्ट किया जाना चाहिए।
"एनरोलमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे संबंधित सभी निर्देश वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। किसी तरह की परेशानी होने पर संपर्क कर सकते हैं। निर्देशों के आधार पर ही प्रक्रिया को पूरा करना है। "--मीनाक्षी शारदा, प्रवक्ता,हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड।
"अभी तक बड़ी संख्या में छात्रों के परिणाम नहीं आए हैं। ऐसे में संकट स्कूलों के सामने हैं। कई बार स्कूल पर ही दबाव बनाया जाता है। यह ठीक नहीं है।"--डॉ.बी कुमार पूर्व अध्यक्ष, आइडियल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन dbfrbd
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