सफीदों : अपनी मांगों पर अड़े राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ के सदस्यों के लिए राहत की खबर है। संघ द्वारा सरकार के सामने रखी गई मांगों में से कुछ पर सरकार ने सहमति जताते हुए संघर्ष विराम करने की अपील की है।
ये जानकारी शनिवार को राजकीय पीजी कॉलेज में संघ के प्रदेशाध्यक्ष संदीप कंधवाल ने दी। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार के रवैये को देखते हुए संघ के विशिष्ट मंडल ने फैसला लिया है कि 3 अगस्त को रोहतक के जाट भवन में प्रस्तावित धरने को अभी स्थगित कर दिया गया है। ये फैसला उन्होंने शुक्रवार को जींद महाविद्यालय में हुई बैठक के दौरान लिया। साथ में संघ के पदाधिकारियों ने सरकार को चेताया कि सहमति हुए बिंदुओं को जल्द से जल्द लागू करें, वरना संघ पुन: आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा।
तीन घंटे हुई बातचीत :
संघ के प्रदेशाध्यक्ष संदीप कंधवाल ने बताया कि उनके नेतृत्व में सरकार के ओएसडी एमएस चोपड़ा के साथ हुई तीन घंटे की बातचीत में आखिरकार कुछ बिंदुओं पर सहमति बन पाई और कुछ को विचाराधीन रख लिया गया है।
इन मांगों पर बनी सहमति
- पीएचडी डिग्री होल्डर प्राध्यापकों को नियुक्ति के समय पांच अग्रिम वेतन वृद्धि होगी।
- वर्कलोड को कम करने की मांग पर सरकार ने वर्कलोड 27/33 से घटा कर 25/30 कर दिया गया है और ये व्यवस्था भी अस्थाई ही रखी गई है। भर्ती के बाद इन्हे 24/27 कर दिया जाएगा।
- मातृत्व अवकाश की अवधि को ग्रामीण सेवा अवधि में शामिल किया गया जाएगा।
- एपीआई स्कोर सिस्टम को संघ के नियमों अनुसार ही सरलीकरण किया जाएगा।
- ग्रामीण सेवा के सरलीकरण पर संघ के साथ सरकार तैयार है।
- उच्चतर शिक्षा विभाग पंचकूला में डिप्टी डायरेक्टर की भर्ती में पारदर्शता लाने पर सहमति बनी।
- शारीरिक शिक्षा विषय को प्रदेश के कुछ कॉलेजों में लागू करने के लिए भी मंजूरी दी गई।
- पिछले 15 वर्षों से लंबित कन्फर्मेशन लिस्ट को जल्द जारी किया जाएगा। dbjnd
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