सोनीपत : शिक्षा विभाग की रोक के बावजूद राजकीय स्कूलों में जादू का खेल जारी है। जादू खेल की आड़ में विद्यार्थियों से पैसे भी वसूले जा रहे हैं। जबकि विभागीय नियम है कि राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों से इस प्रकार की वसूली अवैध है, लेकिन स्थानीय स्तर पर उच्च विभागीय अधिकारियों का नाम लेकर राजकीय स्कूलों में यह खेल खूब चल रहा है।
आरोप है कि इस खेल में कमीशनखोरी भी खूब चल रही है। जिस कारण इस पर ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। हालांकि विभागीय अधिकारियों ने भी स्पष्ट कर दिया है कि जादू के खेल के नाम पर कोई वसूली नहीं होगी।
इसलिए हुई स्थिति उत्पन्न :
विभागीयसूत्रों के मुताबिक डीईओ कार्यालय में एक पत्र आया जिसमें यह कहा गया कि छात्र कल्याण के उद्देश्य से स्कूलों में जादू के शो जेके शर्मा जादूगर द्वारा दिखाए जाएंगे। इस एवज में कक्षा पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों से पांच रुपए एवं इससे बड़ी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों से दस रुपए लिए जाएंगे। बताया गया है कि इस पत्र को विभागीय लिपिक ने आगे जारी कर दिया। उसी को आधार बनाकर सोमवार 18 अगस्त को जादूगर ने राजकीय स्कूल गढ़ी घसीटा में जादू का शो दिखा वहां पैसे मांगे।
प्रिंसिपल जेब से देगा पैसे
डीईओकार्यालय में जब जादूगर द्वारा वसूली की खबर पहुंची तो डीईओ ने इस पर सख्त रूख अपनाया। डीईओ ने इस बाबत बीईओ की बैठक लेकर निर्देश दिए हैं कि जिस स्कूल से बच्चों से पैसे वसूल किए जाएंगे, वहां प्रिंसिपल को अपनी जेब से पैसे बच्चों को वापस देने होंगे।
कानूनन नहीं ले सकते बच्चों से पैसे
नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार कानून 2009 में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि विद्यार्थियों से किसी भी प्रकार की फीस, फंड, प्रार्थना, पीटीए तथा चंदा आदि की कोई वसूली नहीं की जा सकती।
"विभागीय लिपिक की ओर से डीसी कार्यालय से आए पत्र को आगे भेजने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। वैसे इस संदर्भ में विभाग की ओर से सभी स्कूलों में पत्र भेजा जा चुका है कि जादूगर अगर अपना शो दिखाना चाहता है तो उसे अनुमति है, लेकिन कहीं कोई पैसे की वसूली नहीं होगी।''--परमेश्वरीहुड्डा, डीईओ,सोनीपत। db
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