चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार के रवैये के चलते प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई नए शैक्षिक सत्र से चौपट हो सकती है। सरकार जहां नए सत्र में ज्यादा बच्चों के दाखिले के लिए इस बार फसली अवकाश पर रोक लगा दी है, वहीं सरकारी स्कूलों में कार्यरत 15 हजार गेस्ट टीचरों को हटाने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
स्कूलों में इतनी बड़ी संख्या में टीचर कम हो जाएंगे और सरकारी स्कूलों के कंप्यूटर टीचर और कंप्यूटर लैब सहायक पहले से हड़ताल पर हैं। हरियाणा अनुबंध अतिथि अध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार द्वारा गेस्ट टीचरों को हटाए जाने की खबरों पर एतराज जताया है।
शिक्षा विभाग के अधिकारी बार-बार यह कह रहे हैं कि सभी गेस्ट टीचरों को हटा दिया जाएगा, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्री यह बयान दे रहे हैं कि गेस्ट टीचरों के हित में ही सरकार फैसला लेगी।
संघ के प्रमुख अरुण मलिक ने शनिवार को कहा कि जब टीचरों को अपनी रोजी-रोटी ही चिंता लगी रहेगी तो वे बच्चों को कैसे पढ़ा सकेंगे। मलिक ने कहा कि यदि सरकार ने 15000 गेस्ट टीचरों को नौकरी से निकाला तो उग्र आंदोलन होगा।
इसके लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा कि सरकार को शिक्षा के प्रसार और विद्यार्थियों की भलाई के लिए भ्रामक प्रचार रोकना चाहिए और गेस्ट टीचरों व कांट्रेक्ट टीचरों को हटाने की बजाए उन्हें स्थायी नियुक्ति देनी चाहिए, ताकि वे उत्साह के कार्य कर सकें।
उधर, कंप्यूटर टीचर एसोसिएशन के प्रधान बलराम धीमान का कहना है कि शिक्षा विभाग के पास रिक्त पद भी हैं। इसके बावजूद कंप्यूटर टीचरों को स्थायी नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि ऐसा माहौल बनने से विद्यार्थियों की पढ़ाई का भी नुकसान होता है। au
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