** शिक्षा विभाग ने मांगी रिपोर्ट, सरप्लस शिक्षकों को रिक्त पदों पर समायोजित किया जाएगा
शिक्षा विभाग प्रदेश के राजकीय स्कूलों में रेशनेलाइजेशन नीति लागू करने की योजना बना रहा है। जिसके लिए विभाग ने अब फिर से रेशनेलाइजेशन की रिपोर्ट मांगी है। विभाग के निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को तुरंत रिपोर्ट भेजने के निर्देश जारी किये हैं। बता दें कि इससे पहले भी विभाग ने अधिकारियों से रेशनेलाइजेशन की रिपोर्ट मांगी थी। विभाग की ओर से सरप्लस शिक्षकों को रिक्त पदों पर समायोजित किया जाएगा।
दिसंबर 2014 से मांगी रिपोर्ट
राजकीय स्कूलों में छात्र संख्या के आधार पर रेशनेलाइजेशन किया जाएगा। जिसके तहत विभाग ने 31 दिसंबर 1014 को अाधार मान कर विद्यार्थियों की संख्या मांगी है। रेशनेलाइजेशन के तहत 20 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक के साथ ही सरप्लस शिक्षकों को समायोजित करने की योजना है। यानि नई नीति के तहत यदि बच्चों की संख्या के हिसाब से यदि कोई अतिरिक्त शिक्षक है तो वह उस स्कूल से सरप्लस होगा। एसे शिक्षकों को समायोजित कर रिक्त पदों पर दूसरे स्कूलों में भेज जाएंगे। विभाग के अधिकारियों ने रिक्त पदों की वास्तविक संख्या द्वारा आंकड़े लेकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
पहले फर्जी भी मिले दाखिल
विभाग ने रेशनेलाइजेशन योजना की नीति बनाई गई। कई स्कूलों में शिक्षकों के पद सरप्लस होने पर विद्यार्थियों के दाखिल फर्जी दिखा दिए गये। इसके लिए विभाग ने जब जांच की तो प्रदेश भर में करीब छह हजार विद्यार्थियों के दाखिले फर्जी मिले।
ये है रेशनेलाइजेशन की नीति
नई नीति के तहत विभाग द्वारा 1 से 20 विद्यार्थियों पर 1 शिक्षक, इसके बाद 21 से 60 तक 2 जेबीटी शिक्षक, 61 से 90 तक 3 जेबीटी शिक्षक, 91 से 120 पर 4 जेबीटी शिक्षक, 121 से 150 पर 5 जेबीटी शिक्षक, 151 से 200 पर 4 जेबीटी शिक्षक, 1 हैड टीचर, 201 से 240 पर 5 जेबीटी, 1 हैड टीचर, 241 से 280 तक विद्यार्थियों पर 6 जेबीटी, 1 हेडटीचर नियुक्त करने की योजना है।
रिपोर्ट मांगी है
खंड शिक्षा अधिकारी आत्मप्रकाश मेहरा ने कहा कि रेशनेलाइजेशन के तहत विभाग ने रिपोर्ट मांगी है। dbsrs
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