विद्यार्थियों को परीक्षा के प्रति गंभीर बनाने के साथ-साथ शिक्षकों की भी जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से एक कवायद और शुरू की गई है। आने वाले सत्र की मूल्यांकन रिपोर्ट के साथ-साथ इस बात पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि ड्रॉप आउट बच्चों के स्कूल छोड़ने का क्या कारण है। इसमें सबसे ज्यादा अहम है कि बीते सत्र में कितने बच्चों ने बीच में स्कूल छोड़ा और उसका क्या कारण था। विभाग की ओर से 20 पेज की एक मूल्यांकन रिपोर्ट का परफार्मा जारी किया गया है। इसके माध्यम से क्लास टीचर को अलग-अलग बच्चे की रिपोर्ट बनाकर देनी है। इसमें पूरे साल बच्चे की एक्टिविटी और क्लास में विषयवार परफॉर्मेंस भी भर कर देनी है।
पहली से आठवीं तक के बच्चों की रिपोर्ट नए सत्र से पहले देनी होगी। साथ ही रिपोर्ट कार्ड पर भी बच्चे की साल भर की परफॉर्मेंस का डेटा देना होगा। इसके आधार पर बच्चे का आकलन किया जाएगा। विभाग ने पूरे साल की मूल्यांकन रिपोर्ट स्कूलों में भेजने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट प्रत्येक माह के आधार पर तैयार करनी है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 साल तक के बच्चों का घर-घर जाकर सर्वे करना है। इसमें अध्यापकों को स्कूल रिपोर्ट तैयार करने के बाद उन बच्चों की भी रिपोर्ट बनानी है जिन्होंने बीच में स्कूल छोड़ दिया है। dbsnpt
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