** छात्रों को पढ़ाने की जगह मतदाताओं को आधार कार्ड से जोड़ने का करेंगे काम
** नई शिक्षा नीति पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद कर चुके इसका विरोध
चंडीगढ़ : शिक्षकों को बीएलओ डयूटी पर लगाने के भाजपा सांसदों के विरोध के बावजूद मनोहर सरकार पुराने र्ढे पर ही चल रही है। सरकार ने प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के लगभग छह हजार शिक्षकों की डयूटी मतदाताओं का रिकार्ड आधार कार्ड से जोड़ने के लिए लगा दी है। बीएलओ डयूटी बजाने वाले शिक्षक न तो छात्रों को पढ़ा पाएंगे न ही दाखिला प्रक्रिया के दौरान स्कूलों में मौजूद रहेंगे। इससे पढ़ाई चौपट होने के साथ ही स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है।
शिक्षक बूथ लेवल अधिकारी की डयूटी के विरोध में हैं। चूंकि स्कूल शिक्षा विभाग उन्हें स्कूलों में सही डयूटी न करने पर बाहर का रास्ता दिखाने की चेतावनी दे चुका है। शिक्षक पशोपेस में हैं कि शिक्षा विभाग के आदेश मानें या फिर राज्य निर्वाचन विभाग के। दोनों ही डयूटी में कोताही बरतने पर गाज गिरना तय है। बीएलओ डयूटी के दौरान पहली से आठवीं तक की कक्षाओं को पढ़ाने वाले शिक्षक घर-घर जाकर मतदाताओं को आधार कार्ड से जोड़ने का काम करेंगे। शिक्षक स्कूल में बैठकर भी यह काम करते हैं तब भी वे बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। कुछ शिक्षक बीएलओ डयूटी का विरोध कर चुके हैं, लेकिन उन्हें मौलिक शिक्षा अधिकारियों ने पत्र लिखकर हर हाल में डयूटी देने की चेतावनी दी है। उपायुक्तों के माध्यम से मिले पत्र का हवाला देते हुए कहा गया है कि ‘लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम’ 1950 की धारा 32 के अंतर्गत जो शिक्षक बीएलओ की डयूटी नहीं करेंगे उनके विरूद्व कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
आरटीई के विरुद्ध बीएलओ ड्यूटी
एक शिक्षक वर्ष में करीब 40 से 50 दिन मतदाता सूची बनाने में लगे रहते हैं। ये आरटीई के बिलकुल विरुद्ध है। शिक्षक को विभाग अगर गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाता है तो शिक्षा गुणवत्ता प्रभावित होगी। महानिदेशक मौलिक शिक्षा ने आदेश जारी किए हैं कि आरटीई के अधिनियमों की धारा 24 व 27 के प्रावधान के अंतर्गत शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जा सकता। एक शैक्षणिक वर्ष में प्राथमिक स्कूल 200 दिन लगना आवश्यक है लेकिन अगर किसी स्कूल में एक या दो शिक्षक है और वे बीएलओ भी हैं तो वहां स्कूल कितने दिन खुलेगा। मानव संसाधन मंत्रलय ने भी राज्य के शिक्षा व साक्षरता विभाग को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि शिक्षकों को बीएलओ डयूटी से तुरंत प्रभाव से मुक्त कर दिया जाए।
भाजपा सांसद उठा चुके सवाल
नई शिक्षा नीति पर चर्चा के लिए बुलाई गई संसदीय समिति की बैठक में भाजपा सांसद विनय कटियार शिक्षकों से मतदाता सूची तैयार कराने पर आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने सोमवार को कहा था कि मतदाता सूची तैयार करने से लेकर विभिन्न तरह के काम में लगाए जाने की वजह से शिक्षकों को बच्चों की पढ़ाई पर पर्याप्त ध्यान देने का समय नहीं मिल पाता। नई शिक्षा नीति में इस पहलू पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
महानिदेशक के आदेश ताक पर
मौलिक शिक्षा महानिदेशक सुभाष चंद्र सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों, खण्ड मौलिक शिक्षा अधिकारी, सभी स्कूल मुखिया को बीएलओ डयूटी तुरंत प्रभाव से बंद करने के निर्देश दे चुके हैं। लेकिन उनका पालन नहीं हो रहा।
ड्यूटी न हटाई तो आंदोलन
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव दीपक गोस्वामी ने कहा कि संघ इसके विरोध में है। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, प्रधान सचिव टीसी गुप्ता, मुख्य निर्वाचन अधिकारी हरियाणा, महानिदेशक मौलिक शिक्षा को विरोध स्वरूप पत्र लिखा है। ठोस कार्रवाई न होने पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। dj
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