.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Thursday, 2 April 2015

प्रदेश के ढाई लाख बच्चों के हक में फैसला

** हाईकोर्ट ने शिक्षा नियमावली के नियम 134-ए को वैध ठहराया
** पहली में 25 फीसदी, दूसरी से आठवीं तक 10 फीसदी सीटें होंगी आरक्षित 
** प्राइवेट स्कूलों की याचिका खारिज सरकारी फीस पर देने होंगे दाखिले 
** सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर असर 2.70 लाख बच्चों को होगा फायदा 
चंडीगढ़/पानीपत : 5 साल और 17 आदेशों के बाद आखिर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के स्कूल शिक्षा नियम 134 को वैध ठहरा दिया। कोर्ट ने बुधवार को प्राइवेट स्कूलों की रिव्यू पिटिशन को खारिज कर दिया। प्राइवेट स्कूलों की दलील थी कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को सरकारी स्कूलों के बराबर फीस पर दाखिला देना संभव नहीं। 
जस्टिस सतीश कुमार मित्तल जस्टिस एचएस सिद्धू की खंडपीठ ने कहा कि याची संस्था की आड़ में प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों को लाभ नहीं दिया जा सकता। ऐसे में शुरुआती कक्षा में 25 फीसदी और दूसरी से लेकर आठवीं तक 10 फीसदी बच्चों की फीस सरकार रिंबर्स (भरपाई) करे। गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा का लाभ मिलना चाहिए। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को महज गरीबी के चलते शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।
यह थी याचिका
फरीदाबाद की संस्था हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कान्फ्रेंस अन्यों की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि नियम गैर कानूनी असंवैधानिक है। नियम राइट ऑफ चिल्ड्रन टू फी एंड कंपल्सरी एजूकेशन, 2009 प्रावधानों के विपरीत प्रभाव डालने वाला है। याचिका में मांग की गई कि इस नियम की जगह हरियाणा सरकार कोई पॉलिसी बनाए। प्राइवेट स्कूल 134-ए की बजाय शिक्षा का अधिकार (आरटीई) लागू करने को राजी थे। जिसमें पहली कक्षा में 25 फीसदी सीटें गरीबों के लिए आरक्षित रखने का प्रावधान है और फ्री दाखिलों से होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार करती है।
अब बचा सुप्रीम कोर्ट का रास्ता 
प्राइवेट स्कूलों के पास अब सुप्रीम कोर्ट जाने का ही विकल्प बचा है। नियम लागू कराने के लिए पांच साल से लड़ाई लड़ रहे दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के अध्यक्ष एडवोकेट सत्यवीर सिंह हुड्डा ने कहा स्कूल शीर्ष कोर्ट गए तो वहां भी लड़ाई लड़ेंगे। 2010 में पहली बार याचिका लगाई थी। उसके बाद इस पर 17 आदेश पारित हुए। 
कितनी फीस देनी होगी : 
पढ़ाई के लिए सरकारी स्कूल के बराबर फीस देनी होगी। हां, स्कूल की ट्रांसपोर्ट सुविधा का खर्च वहन करना होगा। 
कैसे तय होगा दाखिला : 
21से 29 अप्रैल तक आवेदनों की छंटाई होगी। दाखिले के लिए पहला ड्रॉ 1 मई को, दूसरा 8 और तीसरा 15 मई को निकलेगा। 
क्या करना होगा : 
निशुल्क दाखिले के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन फार्म शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। 
किसे मिलेगा लाभ : 
जिसपरिवार की वार्षिक आय दो लाख से कम है, उसके बच्चे इस नियम के तहत दाखिला लेने के पात्र होंगे। 
इधर, हरकत में आया शिक्षा विभाग, निर्देश जारी 
  • मान्यता प्राप्त स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर और बीपीएल परिवारों के बच्चों के लिए आरक्षित करें सीटें। 
  • हुडा की जमीन पर बने स्कूलों के मामले में 20 फीसदी सीटें आरक्षित होंगी। 
  • स्कूलों को वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर उपलब्ध सीटों दाखिलों की स्थिति देनी होगी। 
  • पहली कक्षा में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए ड्रॉ निकाल कर और अन्य कक्षाओं में दाखिले के लिए विद्यार्थी द्वारा पूर्व कक्षा में प्राप्त अंक या ग्रेड के आधार पर सूची तैयार की जाएगी। 

सरकार पर प्राइवेट स्कूलों का दबाव 
प्राइवेट स्कूलों के दबाव में आकर हुड्डा सरकार ने जून 2013 में 134-ए के तहत आरक्षित कोटा 25 से घटाकर 10 फीसदी करने की अधिसूचना जारी की थी। इसे विधानसभा से पारित नहीं कराया गया। हाईकोर्ट ने 20 नवंबर 2013 के फैसले में कहा था कि अधिसूचना को लागू करने के लिए विधानसभा से पारित कराया जाए। अब भाजपा सरकार पर भी प्राइवेट स्कूल दबाव बना रहे थे कि यह नियम लागू किया जाए।                                                      db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.