पानीपत : सरकारी स्कूलों में दाखिले के बाद छात्र को अब पंजीकरण नंबर (एसआरएन) मिलेगा, जो यूनिक आइडी की तरह कार्य करेगा। मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम (एमआइएस) के पोर्टल पर पूरा ब्योरा दर्ज कराना होगा।
हाईटेक शिक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है। विद्यालय शिक्षा की दक्षता को प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक छात्र का डाटा संग्रह करने की योजना तैयार की गई है। डाटा एमआइएस के पोर्टल पर सेव होगा। स्कूल के कर्मचारी डाटा अपलोड करने में सहयोग देंगे। एमआइएस तीन चरणों में लांच होगा। प्रथम चरण में एक से 11 अप्रैल तक प्रदेश भर के 504 सरकारी स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लांच किया गया। जो छात्र स्कूल में नामांकन कराने जाएगा उसे एनेक्सर-1 में मांगी गई सभी जानकारी देनी होगी। छात्र का ब्योरा पोर्टल पर दर्ज होते ही रजिस्टेशन नंबर जनरेट हो जाएगा। मोबाइल पर इसकी सूचना दे दी जाएगी। छात्र की पहचान इसी नंबर से होगी। स्कूल इंचार्ज को लॉग इन आइडी व पासवर्ड दिया जाएगा। पोर्टल तक इसी के सहारे पहुंचेंगे। 25 के गुणक में डाटा अपलोड होगा।
एसएलसी का फार्मेट बदला :
इसके साथ ही विद्यालय परित्याग प्रमाणपत्र (एसएलसी) का स्वरूप बदल दिया गया है। अब नए फार्मेट में एसएलसी जारी होगी। प्रत्येक एसएलसी पर स्टूडेंट रजिस्ट्रेशन नंबर अनिवार्य रूप से लिखा जाएगा। दाखिला रजिस्टर में इसे दर्ज किया जाएगा। एसआरएन के बिना परित्याग प्रमाण पत्र जारी करना मुश्किल होगा। निदेशालय से एनेक्सर-2 में इसका प्रोफार्मा दिया गया है।
पुराने विद्यार्थियों का डाटा :
सरकारी स्कूलों में अध्ययन करने वाले पुराने विद्यार्थियों का डाटा भी अपडेट होगा। 12 अप्रैल से लेकर 31 जुलाई तक यह कार्य होगा। पारिवारिक ब्योरे में कमी पाए जाने पर 15 सितंबर तक उसे पूरा किया जाएगा। सितंबर माह से लेकर 15 अक्टूबर तक अधूरी सूचनाओं को पूरा करने और डाटा अपडेट करने का कार्य कर लिया जाएगा।
अधिकारी देंगे प्रमाण पत्र :
विद्यालय शिक्षा निदेशालय से जारी ई मेल के मुताबिक सभी डीईईओ व जिला शिक्षा अधिकारी जुलाई, अक्टूबर, जनवरी व अप्रैल के प्रथम सप्ताह में इस बात का प्रमाण पत्र देंगे कि एमआइएस पर जो डाटा अपलोड किया गया वो पूरी तरह से सही है। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.