भिवानी : देशभर के विश्वविद्यालयों में इस सत्र से विद्यार्थियों को दाखिले के लिए परेशानी नहीं ङोलनी होगी, क्योंकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने अपनी वेबसाइट पर विद्यार्थी शिकायत समाधान पोर्टल शुरू किया है।
इसके जरिये विद्यार्थी अब एक क्लिक से सीधे यूजीसी से विश्वविद्यालय में दाखिला न होने की शिकायत कर सकेंगे। कहीं न कहीं उनके द्वारा की गई शिकायत के आधार पर विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालयों में सीटें भी बढ़ सकेंगी। यूजीसी की इस पहल से विद्यार्थियों की हर शिकायत का 15 दिन के अंदर-अंदर समाधान होगा। साथ ही उन्हें दाखिले एवं अन्य शिकायतों के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दरअसल, विद्यार्थियों द्वारा पोर्टल पर की गई शिकायत की निगरानी सीधे यूजीसी करेगी। उन्हें मिलने वाली शिकायतों के वे आगे संबंधित विश्वविद्यालय के समक्ष रखेगी। यदि 15 दिनों के अंदर-अंदर शिकायत का कोई समाधान नहीं हुआ तो यूजीसी दोबारा विवि को रिमांइडर पत्र भेजेगी। विवि अनुदान आयोग का उद्देश्य है कि उक्त पोर्टल के जरिये पारदर्शिता सुनिश्चित हो और हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस में अनुचित व्यवहार न हो सके।
प्रत्येक विश्वविद्यालय में होगी नोडल अधिकारी की तैनाती :
पोर्टल पर की गई शिकायत का समाधान करने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर नोडल अधिकारी तैनात किए जाएंगे, जिनकी जवाबदेही तय होगी। शिकायत के दौरान ही विद्यार्थियों को संबंधित नोडल अधिकारी का मोबाइल नंबर एवं ईमेल आइडी एवं अन्य जानकारियां मिल जाएंगी। इससे पूर्व शिकायत की जांच करते वक्त नोडल अधिकारी मामले से जुड़ी जानकारी के लिए विद्यार्थी से सम्पर्क कर सकेंगे। विवि अनुदान आयोग के सचिव प्रो. जसपाल एस संधू का कहना है कि विद्यार्थी पोर्टल पर परिणाम डिक्लेयर होने में देरी, एडमिशन प्रोसेस, दाखिला न होना, आरक्षण नीति, प्रॉसपेक्टस का पब्लिकेशन, एग्जामिनेशन कंडक्ट होने में देर, मिलने वाली सुविधा, स्कॉलरशिप और फैलोशिप से संबंधित मामले, रैगिंग कर विद्यार्थी को परेशान करना व यौन उत्पीड़न जैसे मामलों की शिकायत कर सकेंगे। dj
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