चंडीगढ़ : प्रदेश के स्कूलों में पढ़ा रहे गेस्ट टीचरों को हटाने की धीमी प्रक्रिया पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के सचिव से तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने पूछा कि 4073 सरप्लस शिक्षकों को हटाने के लिए अभी तक क्या कदम उठाए गए हैं।
जस्टिस अमित रावल ने गेस्ट टीचर्स को हटाने के साथ ही नई नियुक्तियों पर भी जवाब तलब किया है। कोर्ट ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सचिव को अगली सुनवाई के दौरान हाजिर होने के निर्देश देते हुए पूछा कि शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए नई पीजीटी टीजीटी भर्ती कब तक पूरी होगी। वही दूसरे मामले में हरियाणा सरकार द्वारा नौकरी से निकालने के खिलाफ याचिका दाखिल करने वालों को हाईकोर्ट ने 1 मई तक राहत देते हुए उनकी सेवाओं को समाप्त करने पर रोक लगा दी।
अनियमित तरीके से लगे 719 शिक्षकों में से हरियाणा सरकार ने 518 शिक्षकों को हटाने के ऑर्डर जारी किए थे। अंतरिम राहत देने के साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि 1 मई को उनकी सर्विस को जारी रखने या रखने पर अंतिम आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
फटकार के बाद पुनर्विचार याचिका ली वापस
अतिथि अध्यापकों द्वारा दाखिल रिव्यू पिटिशन पर सख्त रवैया अपनाते हुए हाई कोर्ट ने याचियों को कड़ी फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने कहा कि चार वर्ष पूर्व जिस मामले में आदेश दिया जा चुका है, अब रिव्यू दाखिल करने का क्या औचित्य है। या तो याची अपनी याचिका को वापस ले या फिर इसे खारिज कर दिया जाएगा। हाई कोर्ट का रवैया देखते हुए अतिथि अध्यापकों ने याचिका को वापस ले लिया। काबिलेगौर है कि हाई कोर्ट ने तिलकराज व अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर 3 मार्च 2011 को आदेश दिया था कि गेस्ट टीचरों का कार्यकाल 31 मार्च 2012 के बाद आगे न बढ़ाया जाए और न ही नए अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति की जाए। इन आदेशों में बदलाव हेतु दाखिल याचिका बुधवार को जस्टिस एसके मित्तल की खंडपीठ के समक्ष पहुंची थी। हाई कोर्ट ने कहा कि इन आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट निर्णय सुना चुका है।
सरकार ने मांगे 6 महीने
अतिथि अध्यापकों द्वारा दाखिल रिव्यू पिटिशन पर सख्त रवैया अपनाते हुए हाई कोर्ट ने याचियों को कड़ी फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने कहा कि चार वर्ष पूर्व जिस मामले में आदेश दिया जा चुका है, अब रिव्यू दाखिल करने का क्या औचित्य है। या तो याची अपनी याचिका को वापस ले या फिर इसे खारिज कर दिया जाएगा। हाई कोर्ट का रवैया देखते हुए अतिथि अध्यापकों ने याचिका को वापस ले लिया। काबिलेगौर है कि हाई कोर्ट ने तिलकराज व अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर 3 मार्च 2011 को आदेश दिया था कि गेस्ट टीचरों का कार्यकाल 31 मार्च 2012 के बाद आगे न बढ़ाया जाए और न ही नए अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति की जाए। इन आदेशों में बदलाव हेतु दाखिल याचिका बुधवार को जस्टिस एसके मित्तल की खंडपीठ के समक्ष पहुंची थी। हाई कोर्ट ने कहा कि इन आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट निर्णय सुना चुका है।
सरकार ने मांगे 6 महीने
सुप्रीमकोर्ट और हाईकोर्ट द्वारा गेस्ट टीचरों को नौकरी से हटाने के लिए जारी आदेशों की पालना करने के लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 6 माह का समय मांगा है। इस अर्जी पर अभी सुनवाई होना बाकी है। db
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