** स्वास्थ्य मंत्री विज की सलाह पर मुख्यमंत्री ने बुलाई मंत्री समूह की बैठक
चंडीगढ़ : हरियाणा में आंदोलन कर रहे कर्मचारियों के मसले पर मनोहर सरकार हरकत में आ गई है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के हस्तक्षेप के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कर्मचारियों के मुद्दे पर मंत्री समूह की बैठक बुला ली है। शुक्रवार को तीन बजे मुख्यमंत्री निवास पर यह बैठक होगी।
चंडीगढ़ : हरियाणा में आंदोलन कर रहे कर्मचारियों के मसले पर मनोहर सरकार हरकत में आ गई है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के हस्तक्षेप के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कर्मचारियों के मुद्दे पर मंत्री समूह की बैठक बुला ली है। शुक्रवार को तीन बजे मुख्यमंत्री निवास पर यह बैठक होगी।
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को बातचीत के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बृहस्पतिवार शाम को अपने निवास पर बुलाया। करीब सवा घंटे तक चली इस बातचीत के दौरान सिर्फ मुख्यमंत्री और विज ही थे। भाजपा के प्रांतीय प्रभारी डॉ. अनिल जैन को भी हालांकि बृहस्पतिवार को ही चंडीगढ़ पहुंचना था, लेकिन अब वे शुक्रवार को सुबह ही चंडीगढ़ पहुंच जाएंगे।
पार्टी हाईकमान के निर्देश पर डा. अनिल जैन चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं, ताकि उनकी देखरेख में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की 26 मई को करनाल में होने वाली रैली से पहले कर्मचारियों के आंदोलन को शांत कराया जा सके। विज इस मसले पर उग्र तेवर अपनाए हुए हैं। पहले उन्होंने ट्वीट कर कर्मचारियों पर हुए लाठीचार्ज पर अपनी आपत्ति जताई और फिर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मंत्री समूह की बैठक बुलाने की मांग कर डाली।स्वास्थ्य मंत्री के पत्र मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार सुबह विज से फोन पर बात की और उनके उठाए गए मसले को गंभीर मानते हुए कर्मचारियों के मुद्दे पर बातचीत का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री हालांकि बृहस्पतिवार को ही मंत्री समूह की बैठक बुलाना चाहते थे, लेकिन शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा के यहां नहीं होने के कारण बैठक शुक्रवार पर टाल दी गई है। रविवार को भी दूसरी बैठक हो सकती है।
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री से कहा कि सरकार को बने छह माह हुए हैं। इस अवधि में कर्मचारी निरंतर आंदोलन कर रहे हैं। यह भाजपा के लिए अच्छा संकेत नहीं है। भाजपा जब विपक्ष में थी, तब हमारी पार्टी के नेता ही इन आंदोलनकारी कर्मचारियों के बीच जाकर उनकी समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाते थे। अब भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है तो कर्मचारियों की उम्मीद को अवश्य पूरा किया जाना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार विज ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह दलील भी पेश की है कि जब किसानों के लिए हमारी सरकार कई हजार करोड़ रुपये की राहत प्रदान कर सकती है तो फिर कर्मचारियों की अनदेखी कैसे की जा सकती है। कर्मचारियों के इन आंदोलन का गलत संदेश जा रहा है और विपक्ष को सरकार के कामकाज पर अंगुली उठाने का मौका मिल रहा है।
विज के हस्तक्षेप से कर्मचारियों को बंधी न्याय की आस
स्वास्थ्य मंत्री के हस्तक्षेप के बाद आंदोलन कर रहे कर्मचारियों को न्याय मिलने की आस जगी है। कंप्यूटर शिक्षक, लैब सहायक और अतिथि अध्यापक राज्य भर में आंदोलन कर रहे हैं। उन पर कई बार लाठीचार्ज हो चुका। राज्य सरकार 2852 कंप्यूटर शिक्षकों की सेवाएं खत्म कर चुकी। 2622 लैब सहायकों का अनुबंध खत्म किया जा चुका है तथा 4073 सरपल्स अतिथि अध्यापकों को हटाने की तैयारी है। इसके अलावा साढ़े 11 हजार 920 सेवारत अतिथि अध्यापक नियमित करने की मांग पर अड़े हैं।
रामबिलास निकाल रहे बीच का रास्ता
शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के फामरूले पर भी होगी बातचीत। स्कूलों में कार्यरत मास्टरों को लेक्चर्स के पद पर पदोन्नत कर अतिथि अध्यापकों की नौकरी बचाने की कवायद चल रही है। सात हजार पदोन्नति कोटे के लेक्चर्स के पद लंबे समय से नहीं भरे गए हैं।
शिक्षा विभाग के अफसरों पर गिरेगी गाज :
प्रदेश सरकार शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी में है। हाईकोर्ट में शिक्षा विभाग की ओर से एक हलफनामा देकर 4073 अतिथि अध्यापकों को सरप्लस बताया गया था, जिस कारण इन्हें हटाने के आदेश हो गए। dj
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