** 31 से दिल्ली में जंतर-मंतर पर शुरू होगा आमरण अनशन
करनाल : सरकार के रवैये से निराश अतिथि अध्यापकों ने धर्मातरण का फैसला किया है। तय हुआ है कि 5 जून तक उन्हें नियमित नहीं किया जाता तो फिर किसी भी दिन वे धर्म बदल लेंगे। अतिथि अध्यापक संघ के महासचिव पारस शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आंदोलन और तल्ख किया जाएगा।
सीएम सिटी में लाठीचार्ज के बाद माना जा रहा था कि अतिथियों का आंदोलन सरकार दबाने में कामयाब हो गई है। लेकिन अतिथियों ने एकता व ताकत के साथ पूरे दमखम के साथ व्यापक स्तर के आंदोलन की घोषणा कर दी है। एक तरफ पुलिस अतिथियों की टोह में है तो दूसरी तरफ अतिथि अध्यापक संघ की प्रदेश कार्यकारिणी ने जींद जिले में गुप्त बैठक अहम निर्णय लिए हैं। इससे उनके आंदोलन को नई ऊर्जा मिलेगी तो सरकार की भी नींद हराम हो जाएगी। अतिथियों के समर्थन में प्रदेश के कई कर्मचारी संगठन भी बैठकें कर रहे हैं। ताकि मुश्किल वक्त में अतिथियों का साथ दिया जाए और उन्हें हक दिलाया जा सके। करनाल में महापड़ाव के दौरान अतिथियों के सुझाव आए थे कि उनकी मांग पूरी नहीं होने पर धर्मातरण कर लिया जाए। इन सुझावों पर मुहर नहीं लगी थी। उस समय संघ ने कहा था कि अभी धर्मातरण का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
सोमवार को जींद जिले में संघ की प्रदेश कार्यकारिणी ने गुप्त बैठक रखकर निर्णय लिया कि 5 जून तक उन्हें नियमित नहीं किया जाता तो धर्म बदल लिया जाएगा। अभी खुलासा नहीं किया गया है कि अतिथि कौन सा धर्म कबूल करेंगे। 31 मई से दिल्ली में जंतर-मंतर पर अतिथि आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। साथ ही रोजाना जिला मुख्यालयों पर एक विधायक का घेराव तक किया जाएगा। dj
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