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Thursday, 21 May 2015

गेस्ट टीचर के आंसू देख विधायक भी बैठे साथ

** कोठी के बाहर धरना दे रहे गेस्ट टीचर्स को विधायक असीम ने पानी पिलाया, आश्वासन दिया और धरना समाप्त कराया
** करीब बीस मिनट तक विधायक टीचर्स को उनकी मांग मुख्यमंत्री के पास पहुंचाने का आश्वासन देते रहे, इसके बाद धरना खत्म हुआ 
अम्बाला सिटी : कड़ी धूप में शहर विधायक गेस्ट टीचर्स के साथ अपनी ही कोठी के आगे धरने पर बैठ गए। करीब बीस मिनट तक यही सिलसिला रहा। इस दौरान गेस्ट टीचर्स को आश्वासन दिया। विधायक ने धरने पर बैठे गेस्ट टीचर्स को खुद पानी भी पिलाया। इसके बाद गेस्ट टीचर्स ने धरना समाप्त कर दिया। 
गेस्ट टीचर्स नियमित करने की मांग को लेकर धरना दे रहे थे। इस सिलसिले में गेस्ट टीचर्स शहर विधायक असीम गोयल के निवास स्थान के सामने धरने पर बैठे थे। उस दौरान विधायक अपने निवास पर नहीं थे। विधायक को सूचना मिली कि गेस्ट टीचर निवास स्थान पर बैठे हैं, इससे विधायक अपने निवास स्थान पर पहुंच गए। जहां देखा एक महिला शिक्षक अपने साथियों को संबोधित करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन उसका दर्द उसकी आंखाें से टपक रहा था, इसे देखकर विधायक भी गेस्ट टीचर्स के साथ धरने पर बैठ गए। करीब बीस मिनट तक विधायक टीचर्स को उनकी मांग मुख्यमंत्री के पास रखने का आश्वासन देते रहे। इसके बाद टीचर्स ने धरना खत्म किया। 
अध्यापक संघ की अध्यक्षता में दिया गया धरना : 
धरना अतिथि अध्यापक संघ की कार्यकारिणी की अध्यक्षता में दिया गया। संघ के सदस्य विजय ने बताया कि प्रदेश में लगे 16 हजार अतिथि अध्यापक अपने राेजगार को नियमित करवाने के लिए करनाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन सरकार प्रशासन के तानाशाह रवैये के चलते उन पर लाठीचार्ज किया गया। ऐसा किया जाना निदंनीय है। लोकतंत्र का दम भरने वाली भाजपा सरकार ने लोकतंतर पर कुठाराघात किया है। हर समय बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार ने महिला अतिथि अध्यापकों को बुरी तरह से पीटा। उनके संघ पर झूठे केस दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। 
चुनाव से पहले भाजपा ने हरियाणा में सरकार बनते ही अतिथि अध्यापकों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन भाजपा सरकार बनते ही रोजगार नियमित करने की बजाए अतिथि अध्यापकों को पीटकर नौकरी से बाहर कर रही है। 
इस अवसर पर हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ 70 के प्रधान सुभाष भारद्वाज ने कहा कि अतिथि अध्यापक सरप्लस नहीं हैं, लेकिन सरकार सरप्लस करने की साजिश रच रही है। एक ओर सरकार बताती है कि राज्य में 40 हजार अध्यापकों के पद खाली हैं, तो ऐसे में अतिथि अध्यापक सरप्लस कैसे हो सकते हैं। जगतार सिंह, दर्शन शर्मा आदि वक्ताओं ने मांग कि करनाल में लाठीचार्ज के बाद गिरफ्तार साथियों को सरकार बिना शर्त रिहा करें। 
गेस्ट टीचरों पर सरकार एक मत नहीं 
गेस्ट टीचरों का साथ देने के लिए बेशक शहर विधायक उनके साथ धरने पर बैठ गए और मुख्यमंत्री से इस सिलसिले में बात करने का आश्वासन भी दिया। लेेकिन इसी मामले में कैबिनेट मंत्री अनिल विज गेस्ट टीचर्स पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के रवैये पर ट्वीट कर चुके हैं। दूसरे शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा इस मामले में बीच का रास्ता निकालने का भी आश्वासन दे चुके हैं। लेकिन मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा स्पष्ट शब्दों में सरकार की ओर से गेस्ट टीचर्स की मदद कर पाने की बात कही जा चुकी है। 
कड़ी धूप में जारी रहा धरना 
बुधवार को कड़ी धूप थी और 41 डिग्री सेल्सियस तापमान। हवा भी नहीं लग पा रही थी। इसके बाद भी गेस्ट टीचर्स ने हिम्मत नहीं हारी और धरने पर डटे रहे। 
बिना कपड़ा बिछाए बैठे रहे 
विधायक के निवास स्थान के सामने अभी खाली एरिया पड़ा है और उस पर अभी ताजी मिट्टी डाली हुई है। इसके बावजूद पुरुषों के साथ महिला गेस्ट टीचर भी बिना कोई कपड़ा बिछाए मिट्टी पर बैठ गए। 
वादाें से हताश, मुश्किल से किया आश्वासन पर भरोसा 
वादों से हताश चल रहे गेस्ट टीचर्स ने विधायक पर भी बड़ी मुश्किल से भरोसा जताया। जैसे ही विधायक ने मुख्यमंत्री से बात करने का अाश्वासन दिया, गेस्ट टीचर्स ने तुरंत कहा कि इसका जबाव कब तक पूछे। इतना ही नहीं जब विधायक ने अध्यापकों से कहा कि कल्याण होगा। इसे कुछ पल के लिए अध्यापकों ने गलत ही समझ लिया था।                                                              db

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