चंडीगढ़ : गेस्ट व कंप्यूटर शिक्षकों और लैब सहायकों के आंदोलन से हरियाणा सरकार दबाव में है। इस मुद्दे पर शुक्रवार को चंडीगढ़ में मंत्री समूह की बैठक होगी। सूत्रों की मानें तो समाधान निकालने के लिए सरकार मंत्रियों की एक सब-कमेटी का गठन कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार कर्मचारियों का आंदोलन तो सरकार के लिए चिंता का विषय था ही। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा सीएम को लिखी गयी चिट्ठी के बाद दबाव और बढ़ गया। बृहस्पतिवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर ने विज के साथ करीब डेढ़ घंटे तक बैठक की।
ये हैं 3 प्रमुख विवाद
गेस्ट टीचर को बताया सरप्लस :
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 15 हजार 598 गेस्ट टीचर हुड्डा सरकार के कार्यकाल से नियुक्त हैं। इन शिक्षकों में से 4 हजार से अधिक को सरप्लस बताकर प्रदेश सरकार ने हटाने का फैसला लिया है। इसकी सूचना सरकार पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को भी दे चुकी है। ऐसे में शिक्षक सड़कों पर आ गये। करनाल में उन पर लाठीचार्ज किया गया। शिक्षकों की मांग है कि उन्हें नियमित किया जाए। दिसंबर-2015 तक गेस्ट शिक्षकों को नौकरी पर लगे 10 वर्ष हो जाएंगे।
कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती नये सिरे से :
पूर्व की हुड्डा सरकार के समय राज्य के 2852 हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक निजी कंपनियों के जरिये नियुक्त किए गये थे। कंप्यूटर शिक्षकों का आंदोलन हुड्डा सरकार में भी चला। उनकी मांग है कि उन्हें शिक्षा विभाग में समायोजित किया जाये। खट्टर सरकार इनकी जगह नये सिरे से भर्ती का ऐलान कर चुकी है। हालांकि शिक्षा मंत्री प्रो़ रामबिलास शर्मा का कहना है कि कंप्यूटर शिक्षकों को नयी भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। कंप्यूटर शिक्षक 100 से भी ज्यादा दिनों से पंचकूला में आंदोलन कर रहे हैं।
लैब सहायकों का नहीं बढ़ाया कांट्रैक्ट :
कंप्यूटर शिक्षकों के साथ ही 2852 स्कूलों में कंप्यूटर लैब सहायकों की नियुक्ति की गयी थी। पिछले महीने उनका कांट्रैक्ट पूरा हो गया। सरकार इनका कांट्रैक्ट बढ़ाने से इनकार कर चुकी है। लैब सहायकों का आंदोलन भी पंचकूला में चल रहा है।
विज ने दी यह दलील :
- गेस्ट शिक्षकों को पक्का करने में अगर कानूनी अड़चन है तो उसका कोई और रास्ता निकाला जाना चाहिए। हम उन्हें निकाल नहीं सकते, क्योंकि पार्टी के चुनावी घोषणा-पत्र में शिक्षकों को पक्का करने का वादा किया गया है।
- कंप्यूटर शिक्षकों के आंदोलन के दौरान भाजपा नेता धरने पर जाकर बैठे थे। हमने वादा किया था कि उनकी मांग पूरी करेंगे। अब हम उन्हें हटा कैसे सकते हैं।
- लैब सहायकों के आंदोलन का भी हमने विपक्ष में रहते हुए समर्थन किया था। हम किसी का रोजगार नहीं छीन सकते। dt
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