चंडीगढ़ : गेस्ट टीचरों और सरकार के बीच तल्खियां अभी बढ़ सकती हैं। हाईकोर्ट और सरकार के बीच उलझ चुके इस मसले में फिलहाल राहत की उम्मीद न के बराबर है। पिछले दिनों मंत्री समूह की बैठक में यह फैसला हो चुका है। वह बात अलग है कि बाहर नेतागण कुछ और बयान दे रहे हैं।
कुल मिलाकर सरकार को गेस्ट टीचरों के आंदोलन का तरीका रास नहीं आ रहा है। गेस्ट टीचर प्रकरण में मंत्री समूह की मीटिंग के दौरान एक मंत्री महोदय तो मीटिंग में भी भड़क गए थे। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि यदि उनके विभाग से संबंधित कोई मामला किसी मंत्री के पास आता है तो वे यह मामला उनके पास भेजें। बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री इस पूरे मामले में पैरवी कर रहे हैं जो अन्य मंत्रियों को रास नहीं आ रही हैं।
मालूम हो कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के पत्र के बाद गत दिनों मु यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंत्री समूह की मीटिंग बुलाई थी। जिसमें गेस्ट टीचर, कंप्यूटर टीचर और लैब सहायकों के मामले पर खुलकर चर्चा हुई।
सूत्रों के मुताबिक मंत्री समूह की बैठक का पहला ऐजेंडा गेस्ट अध्यापक थे। स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री से इस बावत काई रास्ता निकालने की मांग उठाई थी।
उधर, हाईकोर्ट के आदेशों पर सरप्लस गेस्ट टीचरों की बर्खास्तगी का नोटिस देने के बाद उपजी टकराव की स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने अंदरूनी तैयारी पूरी कर ली है। गेस्ट टीचराें के आंदोलन और स्कूलों में ताला लगाने के मामले पर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से गंभीर हो गया है। डीजीपी की तरफ से भी सभी जिलो की पुलिस को स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट कर दिया गया है। au
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