महेंद्रगढ़ : शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने जेबीटी स्टूडेंट्स फोरम हरियाणा के सदस्यों को आश्वस्त किया है कि यदि दूसरे स्टेट में इंटर्नशिप नहीं है तो प्रदेश से भी जेबीटी कोर्स के बाद एक वर्ष की इंटर्नशिप को समाप्त कर दिया जाएगा।
प्रो. शर्मा को सोमवार को फोरम के सदस्यों ने उनके आवास पर पहुंचकर जेबीटी के दो वर्ष के कोर्स के बाद होने वाली एक वर्ष की इंटर्नशिप समाप्त करने की मांग की थी। बता दें कि इस विषय में फोरम के सदस्यों ने गत 14 मई को भी महेंद्रगढ़ में विरोध प्रदर्शन करते हुए शिक्षामंत्री की अनुपस्थिति में भाजपा जिला प्रधान कंवर सिंह यादव एसडीएम उमेद सिंह मोहन को अपनी मांगों का लिखा ज्ञापन सौंपकर इंटर्नशिप समाप्त करने तथा शिक्षामंत्री से मिलने की मांग की थी। इस पर जिला प्रधान ने शिक्षामंत्री से बात कर उन्हें सोमवार को मिलने का समय दिया था।
कांग्रेस सरकार ने भी नहीं दिया मांगों पर ध्यान : सुमित
जेबीटी स्टूडेंट्स फोरम के संयोजक सुमित ने बताया कि जेबीटी तीन वर्षों से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। लेकिन पिछली सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। जेबीटी के दो वर्ष के कोर्स के बाद तीसरा वर्ष इंटर्नशिप के चलते प्रदेश के हजारों छात्रों का एक वर्ष बर्बाद हो रहा है। इंटर्नशिप कार्यक्रम को चलाए रखने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि यह कार्यक्रम हरियाणा के अलावा किसी भी राज्य में नहीं चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एनसीटीई द्वारा तैयार अध्यापक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की रूपरेखा से स्पष्ट है कि जेबीटी के दो वर्ष के पाठ्यक्रम में यह अवधि अधिकतम 20 दिन प्रतिवर्ष हो सकती है, जो पहले से ही प्रशिक्षण का भाग है।
उन्होंने कहा कि दो वर्ष के बाद एक वर्ष की इंटर्नशिप के कारण प्रदेश के जेबीटी छात्रों को अन्य राज्यों की तुलना एक वर्ष अधिक लगाना पड़ रहा है, जिसके चलते शिक्षा रोजगार के मामले में प्रदेश के छात्र एक वर्ष पिछड़ जाते हैं। इंटर्नशिप कार्यक्रम के चलते प्रदेश के विद्यालयों में कार्यरत हजारों रेगुलर शिक्षक पूरी तरह से निट्ठले हो जाते हैं क्योंकि उनकी जगह प्रशिक्षु छात्र-अध्यापक बच्चों को पढ़ाते हैं और वे आराम फरमाते हैं। उन्होंने बताया कि इंटर्नशिप के पूर्व घोषित उद्देश्य के अनुसार स्कूलों में कोई मार्गदर्शन भी नहीं दिया जाता। ऐसे में सरकार शिक्षा विभाग को तत्काल इंटर्नशिप को रद्द कर देना चाहिए। उन्होंने शिक्षामंत्री को सौंपे ज्ञापन में मांग की है कि इंटर्नशिप कर चुके छात्र-अध्यापकों को यात्रा भत्ता के साथ-साथ कम से कम 10 हजार रुपए मानदेय दिया जाए और भविष्य में इंटर्नशिप को रद्द किया जाए ताकि विद्यार्थियों को एक वर्ष का समय बर्बाद न हो। db
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